Iran and Israel War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अहम बयान में खुलासा किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में उन्हें फोन कर ईरान और इज़रायल के बीच चल रहे तनाव में मध्यस्थता की पेशकश की थी. हालांकि ट्रंप ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए साफ कहा कि उन्हें ईरान-इज़रायल मामले में नहीं, बल्कि रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराने में पुतिन की मदद की ज़रूरत है.
ट्रंप की प्राथमिकता: यूक्रेन में शांति
नीदरलैंड्स के हेग में आयोजित NATO शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रवाना होते समय ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा, व्लादिमीर ने मुझे फोन किया और कहा कि क्या वह ईरान के मुद्दे में मेरी मदद कर सकते हैं. मैंने जवाब दिया नहीं, मुझे आपकी ज़रूरत यूक्रेन में है, ईरान में नहीं. ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही रूस और यूक्रेन के बीच कोई समझौता होगा, जिससे लंबे समय से चल रहा युद्ध समाप्त हो सकेगा. उन्होंने कहा कि युद्ध में भारी जान-माल की हानि हो रही है, और पिछले सप्ताह ही 6,000 सैनिक मारे गए. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि संभावित समझौते की दिशा में बातचीत कहां तक पहुंची है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से ट्रंप की मुलाकात
NATO समिट के दौरान ट्रंप की मुलाकात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी प्रस्तावित है. बीते कुछ समय में दोनों नेताओं के बीच कुछ कड़े बयानबाज़ी देखी गई थी, जिसके चलते समिट आयोजकों ने मुख्य सत्रों को छोटा कर दिया है ताकि किसी भी सार्वजनिक टकराव से बचा जा सके. ट्रंप की प्राथमिकता अब स्पष्ट रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराना है, खासकर तब से जब उन्होंने चुनावी अभियान में वादा किया था कि वह राष्ट्रपति बनने के 24 घंटों के भीतर युद्ध समाप्त कर देंगे. हालांकि, अब वह इसे 100 दिनों के अंदर पूरा करने की कोशिश में हैं, लेकिन अभी तक कोई निर्णायक नतीजा सामने नहीं आया है.
तुर्की में शांति की पहल: शवों की अदला-बदली
हालिया घटनाक्रम में ट्रंप की मध्यस्थता की कोशिशों के चलते तुर्की में रूस और यूक्रेन के बीच दो दौर की वार्ता हो चुकी है. 2 जून को हुई दूसरी बैठक में दोनों पक्षों ने युद्ध में मारे गए सैनिकों के शवों की अदला-बदली और कैदियों की रिहाई पर सहमति जताई. रूस ने 6,000 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों के शव लौटाए हैं, जबकि यूक्रेन ने 59 रूसी सैनिकों के शव सौंपे हैं. साथ ही, दोनों देशों के बीच एक रोडमैप के प्रारूप पर भी सहमति बनी है और एक एमओयू का आदान-प्रदान हुआ है.
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