Iran and Israel War: ईरान के शीर्ष धार्मिक और राजनीतिक नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका द्वारा किए गए तीनों प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमलों को "गंभीर अपराध" करार देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान अपने दुश्मनों को इस दुस्साहस का "कड़ा और निर्णायक जवाब" देगा.
"सज़ा जारी है, और सज़ा मिलती रहेगी"
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपने संदेश में अयातुल्ला खामेनेई ने लिखा ज़ायोनी दुश्मन (इज़रायल) और उसके सहयोगियों ने बहुत बड़ी गलती की है. उन्होंने जो अपराध किया है, उसके लिए उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए और वे सज़ा भुगत भी रहे हैं. उनकी यह टिप्पणी तब आई जब अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज़ और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर भारी बमबारी की. इन हमलों में 30,000 पाउंड वजनी बंकर-बस्टर बमों का उपयोग किया गया, जो इन स्थलों के ऊपर के पहाड़ी इलाकों को भेदने में सक्षम हैं.
अमेरिका कर रहा है कूटनीति को बर्बाद
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि अमेरिका ने ईरान की संप्रभुता पर हमला किया है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा यह हमला न केवल ईरान पर, बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय क़ानून और शांति व्यवस्था पर हमला है. अमेरिका को इसका माक़ूल जवाब मिलेगा. ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने अमेरिका और इज़रायल पर "कूटनीति को समाप्त करने" का आरोप लगाया.
अमेरिका के आरोप बेबुनियाद
इरावानी ने कहा कि वाशिंगटन ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) को एक राजनीतिक हथियार में बदल दिया है, जबकि ईरान ने हमेशा शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की बात की है. हमारे वैध अधिकारों को नकारा जा रहा है, और उन पर आक्रामकता की जा रही है. यह हमारे राष्ट्र के सर्वोच्च हितों पर सीधा हमला है.
वैश्विक प्रतिक्रिया: संयुक्त राष्ट्र महासचिव की चिंता
इस सैन्य हमले के बाद वैश्विक स्तर पर चिंता जताई जा रही है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हमलों को "खतरनाक मोड़" बताते हुए निंदा की. उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने और तनाव कम करने का आह्वान किया.
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