पश्चिम एशिया में हालात एक बार फिर तनाव की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं. ईरान ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि इजरायल ने फिर से कोई सैन्य कार्रवाई की, तो उसका जवाब इस बार कहीं ज्यादा कड़ा और संगठित होगा. ये बयान ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने सऊदी अरब के अखबार अशरक अल-अवसात को दिए एक इंटरव्यू में दिया है.
अराघची इन दिनों सऊदी अरब के जेद्दा शहर में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं, जहां उन्होंने गाजा पट्टी की स्थिति पर गंभीर चर्चा की.
तेहरान हर स्थिति के लिए तैयार है
ईरानी विदेश मंत्री ने इजरायल के साथ भविष्य में टकराव की संभावना पर कहा कि “मध्य पूर्व की मौजूदा परिस्थितियों में कुछ भी मुमकिन है. और ईरान हर स्थिति, हर मोर्चे के लिए तैयार है.” उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि वह सैन्य दबाव से ईरान को पीछे हटा सकता है.
हमने आखिरी तक लड़ाई जारी रखी
अराघची के मुताबिक, जून में हुए 12 दिन के संघर्ष में इजरायल अपने घोषित लक्ष्यों को हासिल करने में नाकाम रहा. उन्होंने दावा किया कि युद्धविराम की पहल ईरान की ओर से नहीं, बल्कि इजरायल की तरफ से की गई थी. उनके शब्दों में — “इजरायल को लगा था कि वह 48 घंटों में हमें रोक देगा, लेकिन हमने आखिरी समय तक जवाबी कार्रवाई जारी रखी. जब इजरायल ने बिना शर्त युद्धविराम का अनुरोध किया, तो हमने उसे स्वीकार किया.”
अगली बार हमला हुआ तो जवाब और भी कठोर होगा
ईरानी मंत्री ने यह दोहराया कि अगर इजरायल की ओर से दोबारा सैन्य आक्रामकता दिखाई गई, तो ईरान पूरी तरह से तैयार है और जवाब इस बार पहले से ज्यादा सख्त होगा. उन्होंने कहा, “इजरायल से मुकाबला करने वालों को सतर्क और मजबूत रहना चाहिए. आत्मसंतोष दुश्मन को बढ़ावा देता है.”
इजरायल से संबंध तोड़ने की अपील
अराघची ने उन देशों से भी अपील की जो इजरायल से कूटनीतिक और व्यापारिक संबंध बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि गाजा के समर्थन में सबसे व्यावहारिक कदम यही होगा कि वे इजरायल से सारे रिश्ते खत्म करें. उनका कहना था कि इजरायल को कोई भी छूट देना, नेतन्याहू सरकार को और भड़काने के बराबर है.
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