सिडनी के बॉन्डी बीच इलाके में यहूदी समुदाय के हनुक्का उत्सव के दौरान हुई गोलीबारी ने ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, बल्कि दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं. पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इस हमले के पीछे एक पिता–पुत्र की जोड़ी शामिल थी, जिनमें से एक को मौके पर ही मार गिराया गया, जबकि दूसरा जांच एजेंसियों के लंबे समय से रडार पर था.
पुलिस के मुताबिक, 50 वर्षीय साजिद अकरम और उसका 24 वर्षीय बेटा नवीद अकरम इस फायरिंग के मुख्य आरोपी हैं. साजिद को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया, जबकि नवीद की भूमिका को लेकर जांच अभी जारी है. यह हमला पूरी तरह सुनियोजित बताया जा रहा है, जिसमें त्योहार मना रहे लोगों को निशाना बनाया गया.
परिवार को नहीं थी किसी साजिश की भनक
सबसे हैरानी की बात यह है कि साजिद की पत्नी और नवीद की मां वेरेना को इस पूरी साजिश की कोई जानकारी नहीं थी. पुलिस पूछताछ में वेरेना ने बताया कि उन्हें न तो अपने पति की कट्टरपंथी सोच का अंदेशा था और न ही बेटे के किसी आतंकी नेटवर्क से जुड़े होने का शक. उनके मुताबिक, नवीद एक सामान्य युवक की तरह घर में रहता था और किसी तरह की हिंसक गतिविधियों में उसकी दिलचस्पी कभी सामने नहीं आई.
ऑस्ट्रेलिया में बसने की कहानी
जांच में सामने आया है कि साजिद अकरम 1998 में छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया आया था. कुछ वर्षों बाद उसने एक स्थानीय महिला वेरेना से शादी की और बाद में उसका वीजा पार्टनर कैटेगरी में बदल गया. इसके बाद वह लंबे समय से रेजिडेंट वीजा पर ऑस्ट्रेलिया में रह रहा था. परिवार हाल ही में खरीदे गए तीन बेडरूम के एक फ्लैट में रह रहा था, जहां कथित तौर पर हमले की योजना बनाई गई.
घर में हथियार, लेकिन मां बेखबर
पुलिस को साजिद के घर से कुल छह लाइसेंसी बंदूकें मिली हैं, जिन्हें वह शिकार के लिए रखने की बात कही जाती थी. वेरेना का दावा है कि उनका बेटा नवीद बंदूक चलाने में माहिर नहीं था और उन्होंने उसे कभी हथियारों के साथ नहीं देखा. हालांकि, घटनास्थल पर जिस तरह से फायरिंग की गई, उससे जांच एजेंसियों को संदेह है कि हमलावरों को हथियार चलाने की अच्छी ट्रेनिंग थी.
ISIS कनेक्शन की जांच तेज
घटनास्थल से कथित तौर पर चरमपंथी झंडे और कुछ संदिग्ध सामग्री मिलने के बाद इस हमले को अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन ISIS से जोड़कर देखा जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि नवीद किसी स्लीपर सेल या स्थानीय नेटवर्क के संपर्क में था. हालांकि, परिवार के अन्य सदस्यों का कहना है कि वह न तो ज्यादा बाहर जाता था, न नशे की आदत थी और न ही सोशल मीडिया या इंटरनेट पर अत्यधिक सक्रिय रहता था.
ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी ASIO के सूत्रों के मुताबिक, नवीद पिछले करीब छह वर्षों से उनकी निगरानी सूची में था. वर्ष 2019 में एक ISIS समर्थक की गिरफ्तारी के बाद उसके संपर्कों की जांच के दौरान नवीद का नाम सामने आया था. इसके बावजूद वह अपने माता-पिता और भाई-बहन के साथ सामान्य जीवन जीता रहा और किसी को उसके कट्टरपंथी झुकाव की भनक नहीं लगी.
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