आतंकियों से कनेक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग... साइबर ठगों ने महिला से ऐंठे 30 लाख; फ्रॉड का पैंतरा जान रह जाएंगे दंग

    इंदौर में एक बार फिर साइबर ठगों ने अपनी धोखाधड़ी से एक बुजुर्ग महिला को अपना शिकार बना लिया. यह मामला एक नई और खतरनाक साइबर ठगी की शैली का उदाहरण पेश करता है, जिसमें ठगों ने महिला को इतनी मानसिक दबाव में डाला कि वह 9 दिनों तक घर में ही ‘डिजिटल अरेस्ट’ महसूस करती रही.

    Indore woman was digitally arrested after being duped of 30 lakh rupees
    Image Source: Freepik

    इंदौर: इंदौर में एक बार फिर साइबर ठगों ने अपनी धोखाधड़ी से एक बुजुर्ग महिला को अपना शिकार बना लिया. यह मामला एक नई और खतरनाक साइबर ठगी की शैली का उदाहरण पेश करता है, जिसमें ठगों ने महिला को इतनी मानसिक दबाव में डाला कि वह 9 दिनों तक घर में ही ‘डिजिटल अरेस्ट’ महसूस करती रही. इस दौरान, उसने अपनी जिंदगी भर की जमापूंजी ठगों के बताए गए बैंक अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दी. इस घटना ने इंदौर में साइबर सुरक्षा के मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है.

    साइबर ठगों ने महिला को कैसे फंसाया?

    यह घटना 23 नवंबर को शुरू हुई जब एक अजनबी कॉल महिला के पास आया. कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को जम्मू-कश्मीर पुलिस का एसपी बताया और कहा कि महिला का नाम आतंकी से बरामद हुए एक मोबाइल में पाया गया है, जिसमें 2,300 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. ठग ने महिला को बताया कि उसका बैंक अकाउंट भी इस अपराध में शामिल है और उसे इसके बदले डेढ़ करोड़ रुपये मिलेंगे. यह सुनकर महिला घबराई और उसे विश्वास हो गया कि वह किसी बड़े अपराध में फंसी हुई है.

    महिला को आए धमकी भरे कॉल

    कॉल करने वाले ने महिला को धमकी दी कि अगर वह अपने बैंक अकाउंट्स में मौजूद रुपये सरकारी खाते में ट्रांसफर नहीं करेगी तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उसे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जेल भेजा जाएगा. डर के मारे महिला ने 23 नवंबर से 3 दिसंबर तक लगातार ठगों की बात मानी और लगभग 30 लाख रुपये अलग-अलग किश्तों में उनके बताए गए अकाउंट्स में भेज दिए.

    अकेली महिला की मानसिक स्थिति और पुलिस की कार्रवाई

    इस मामले में सबसे चिंता की बात यह है कि महिला घर में अकेली रहती थी और उसके दोनों बेटे विदेश में रहते हैं. ठगों की धमकियों से डरी हुई महिला ने कई दिन तक इस घटना को किसी से नहीं बताया. आखिरकार, उसने हिम्मत जुटाकर अपनी बेटी और दामाद को इस बारे में जानकारी दी, जिसके बाद साइबर सेल में शिकायत दर्ज की गई. इस मामले में पुलिस ने बीएनएस और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

    साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता की जरूरत

    इंदौर पुलिस ने इस मामले में लोगों को चेतावनी दी है कि यदि कोई संदिग्ध कॉल आता है और उसमें कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जाती है, तो यह साइबर क्राइम का हिस्सा हो सकता है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें.

    ये भी पढ़ें: Online Scam में डूबे ₹77 लाख, स्कैमर ने गूगल रिव्यू रेटिंग में मोटी सैलरी का लालच की धोखाधड़ी