साइबर अपराधों की दुनिया में एक और हैरान करने मामला सामने आया है, जिसमें गूगल रिव्यू रेटिंग के नाम पर ठगी की गई. उत्तराखंड एसटीएफ ने गूगल रिव्यू/रेटिंग स्कैम के एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए राजस्थान से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. ठगों ने हरिद्वार के एक व्यक्ति से 77 लाख से अधिक की धोखाधड़ी की थी. यह मामला न केवल ठगी की बढ़ती घटनाओं का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि साइबर ठगी के तरीके अब कितने शातिर हो गए हैं. आइए, जानते हैं इस धोखाधड़ी के पूरे मामले को विस्तार से.
साइबर ठगों ने कैसे किया धोखाधड़ी?
हरिद्वार निवासी पीड़ित ने सितंबर 2025 में यह मामला दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि कुछ अज्ञात साइबर ठगों ने उन्हें 'CME Group' नामक कंपनी का अधिकारी बताकर संपर्क किया और गूगल रिव्यू/रेटिंग के बदले घर बैठे सैलरी कमाने का झांसा दिया. पीड़ित को विश्वास में लेकर, ठगों ने उन्हें एक टेलीग्राम लिंक भेजा, जिसमें ‘CME Group’ कंपनी का ग्रुप था. इस ग्रुप में शामिल होकर, पीड़ित से विभिन्न कार्यों के लिए प्रीपेड राशि जमा करने की मांग की गई.
धोखाधड़ी का तरीका और पीड़ित से पैसे निकालना
ठगों ने पीड़ित से कुल 77 लाख 31 हजार 436 रुपये विभिन्न बैंक खातों और यूपीआई आईडी में जमा कराए. इसके बाद, फंड निकालने के लिए पीड़ित से और पैसे मांगे गए, लेकिन जब उसने पैसे निकालने का प्रयास किया तो ठगों ने बहाने बनाए, जैसे क्रेडिट स्कोर बढ़ाने और टैक्स चुकाने के लिए अतिरिक्त रकम की मांग करना. बाद में पीड़ित को यह एहसास हुआ कि उनके साथ एक बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुका है.
बैंक और मोबाइल नंबर से मिली अहम जानकारी
साइबर क्राइम पुलिस ने ठगी में इस्तेमाल हुए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जांच की. इस जांच में यह पाया गया कि 17 सितंबर 2025 को एक फाइनेंस बैंक खाते में 23 लाख 1 हजार 374 रुपये जमा किए गए थे. इस खाते का मालिक निक्की जैन था, जो जयपुर, राजस्थान का निवासी था. बैंक के सीसीटीवी कैमरे में यह देखा गया कि निक्की जैन ने खुद 22 लाख 90 हजार रुपये निकाल लिए थे. इसके बाद, पुलिस ने एसएमएस अलर्ट और जीमेल लिंक से प्राप्त लोकेशन के आधार पर जांच शुरू की.
आरोपी की गिरफ्तारी
पुलिस ने एसएमएस अलर्ट नंबर के लोकेशन को ट्रैक करते हुए राजस्थान के जयपुर पहुंची और स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी की तलाश की. पूछताछ के दौरान यह पता चला कि जब आरोपी को पुलिस की टीम के आने का अंदाजा हुआ, तो उसने अपना मोबाइल बंद कर दिया और फरार हो गया. इसके बाद, जीमेल से लिंक मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने मुहाना थाना जयपुर में आरोपी की तलाश शुरू की और अंततः उसे गिरफ्तार कर लिया. आरोपी की पहचान निक्की जैन के रूप में हुई.
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