इंडिगो पर बड़े एक्शन की तैयारी में सरकार, उड़ान शेड्यूल में होगी कटौती, दूसरी एयरलाइंस को..

    बीते दिनों इंडिगो एयरलाइंस की भारी फ्लाइट रद्दीकरण और देशभर में मचे अफरातफरी के बाद अब केंद्र सरकार निर्णायक कदम उठाने की तैयारी में है. लगातार बढ़ती शिकायतों और यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि इंडिगो के विंटर शेड्यूल में बड़ी कटौती की जाएगी.

    Indigo Crisis Government is planning to take action on airlines
    Image Source: ANI

    बीते दिनों इंडिगो एयरलाइंस की भारी फ्लाइट रद्दीकरण और देशभर में मचे अफरातफरी के बाद अब केंद्र सरकार निर्णायक कदम उठाने की तैयारी में है. लगातार बढ़ती शिकायतों और यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि इंडिगो के विंटर शेड्यूल में बड़ी कटौती की जाएगी. सरकार का कहना है कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को प्राथमिकता देने के लिए जरूरी हो गया था.

    नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने सोमवार को खुलकर कहा कि इंडिगो फिलहाल करीब 2,200 फ्लाइट्स रोज ऑपरेट कर रही है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में उड़ानों को संभाल पाना एयरलाइन के लिए मुश्किल साबित हो रहा है. ऐसे में सरकार जल्द ही इनके शेड्यूल में कटौती करेगी. 1 से 8 दिसंबर के बीच फ्लाइट कैंसिलेशन, भारी देरी और बैगेज अटकी रहने की घटनाओं से यात्रियों को भारी असुविधा हुई. उसी अवधि में रद्द हुए 730,655 टिकटों के लिए 745 करोड़ रुपये का रिफंड दिया जा चुका है. एयरलाइन के पास फंसे करीब 9,000 बैग में से 6,000 यात्रियों तक पहुंचा दिए गए हैं और बाकी मंगलवार तक डिलीवर करने का लक्ष्य रखा गया है.

    डीजीसीए को दिए जवाब में इंडिगो की सफाई, लेकिन नियामक संतुष्ट नहीं

    डीजीसीए द्वारा भेजे गए शो-कॉज नोटिस पर इंडिगो ने कई कारण गिनाए—मौसम की मार, तकनीकी दिक्कतें, एयर ट्रैफिक भीड़भाड़ और नए FDTL Phase-II रोस्टर नियम. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, नियामक इन तर्कों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है और अब भी कार्रवाई पर विचार कर रहा है. इंडिगो की ओर से दिए गए स्पष्टीकरण के बावजूद एयरलाइन के परिचालन में स्थिरता लाने पर जोर दिया जा रहा है.

    एयरलाइन ऑपरेटर्स की हाई-लेवल मीटिंग, कड़े फैसलों के संकेत

    नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आज सभी एयरलाइंस की एक अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी. इंडिगो कब तक सामान्य ऑपरेशन में लौटेगी, यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं, रिफंड प्रक्रिया पर निगरानी, भविष्य में ऐसे संकट से बचने के उपाय, और स्लॉट वितरण को लेकर नए फैसले. सरकार यह भी देखना चाहती है कि क्या अन्य एयरलाइंस को अतिरिक्त क्षमता दी जा सकती है ताकि इंडिगो के संकट का बोझ बाकी नेटवर्क पर न पड़े.

    शेयर बाजार में भी भारी गिरावट, निवेशकों में चिंता बढ़ी

    इंडिगो की परिचालन समस्या का असर सीधे शेयर बाजार में भी दिखा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सात दिनों में एयरलाइन के शेयर करीब 17% टूट गए, जिससे कंपनी की मार्केट वैल्यू लगभग 4.3 अरब डॉलर घट गई. सिर्फ सोमवार को ही शेयर में 8.3% की गिरावट दर्ज की गई, जो निवेशकों की चिंता स्पष्ट करती है.

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