नई दिल्ली: स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का 2024 में सैन्य खर्च 1.6% की वृद्धि के साथ 86.1 बिलियन डॉलर (करीब ₹7.19 लाख करोड़) पर पहुंच गया है. इस आंकड़े के साथ भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा सैन्य व्यय करने वाला देश बना हुआ है.
रिपोर्ट 'ट्रेंड्स इन वर्ल्ड मिलिट्री एक्सपेंडिचर 2024' के अनुसार, भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान की तुलना में लगभग नौ गुना अधिक है. पाकिस्तान, जो हालिया समय में परमाणु हमले की धमकियों के चलते चर्चा में रहा है, का सैन्य बजट मात्र 10.2 बिलियन डॉलर (करीब ₹85,170 करोड़) रहा.
वैश्विक सैन्य खर्च में भारत की स्थिति
विश्व स्तर पर अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी और भारत — ये पांच देश सबसे बड़े रक्षा व्यय करने वालों में शामिल हैं. SIPRI के अनुसार, इन पांच देशों का कुल सैन्य खर्च 1,635 बिलियन डॉलर (₹136.52 लाख करोड़) तक पहुंच गया है.
रिपोर्ट में बताया गया है:
चीन: सैन्य खर्च में 7% की वृद्धि के साथ 314 बिलियन डॉलर.
रूस: रक्षा खर्च 149 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, जो देश की GDP का 7.1% है.
यूक्रेन: युद्ध के चलते खर्च 64.7 बिलियन डॉलर पर पहुंचा, जो GDP का 34% है.
जर्मनी: व्यय में 28% की वृद्धि के साथ 88.5 बिलियन डॉलर.
पोलैंड: 31% बढ़त के साथ 38 बिलियन डॉलर.
भारत की तुलना में, पाकिस्तान का सैन्य बजट बेहद सीमित रहा, बावजूद इसके कि वह भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच परमाणु शक्ति पर जोर दे रहा है.
भारत-फ्रांस के बीच राफेल मरीन डील
भारतीय रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के तहत, भारत ने 28 अप्रैल को फ्रांस के साथ 26 राफेल मरीन विमानों की खरीद के लिए करीब ₹63,000 करोड़ की डील साइन की. इस डील के तहत 22 सिंगल सीटर और 4 डबल सीटर विमान 2028-2032 के बीच भारत को सौंपे जाएंगे. रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने भारत की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.
राफेल मरीन विमान परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं, जो भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएंगे.
भारतीय रक्षा बजट की प्राथमिकताएं
हालांकि, 2024 के बजट में रक्षा खर्च में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है. भारतीय सेना के लिए कुल आवंटन ₹6,21,940 करोड़ रहा, जो कि पिछले अंतरिम बजट से मात्र 0.064% अधिक है. इसमें:
यह रुझान संकेत देता है कि भारत अपनी फौजी क्षमताओं के आधुनिकीकरण के प्रयासों को सीमित संसाधनों के साथ आगे बढ़ा रहा है.
यूरोप का बढ़ता रक्षा निवेश
SIPRI ने यह भी रेखांकित किया कि मध्य और पश्चिमी यूरोप के देशों ने 2024 में सैन्य खर्च में तेज़ वृद्धि दर्ज की है. जर्मनी और पोलैंड जैसे देशों ने रक्षा आधुनिकीकरण और सामरिक तैयारी बढ़ाने के लिए व्यापक निवेश किए हैं. जर्मनी का खर्च 88.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचकर क्षेत्र में सबसे बड़ा बन गया, जबकि पोलैंड ने अपनी GDP का 4.2% रक्षा क्षेत्र में निवेश किया.
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