मुंबई: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच घरेलू शेयर बाजार में रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में सोमवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सख्त कदम उठाए जाने की संभावनाओं ने निवेशकों को डिफेंस सेक्टर में आकर्षित किया है।
पारस डिफेंस, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) जैसे दिग्गज रक्षा कंपनियों के शेयरों में 5% से लेकर 10% तक की तेजी रही। विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा माहौल में रक्षा उपकरणों की मांग में तेज वृद्धि की उम्मीद है, जो डिफेंस स्टॉक्स के लिए सकारात्मक संकेत दे रही है।
डिफेंस सेक्टर में भारी निवेश
सोमवार को पारस डिफेंस के शेयरों ने 10% की छलांग लगाई, जबकि GRSE के स्टॉक्स 8.11% चढ़े। HAL का शेयर 5.57% और भारत डायनामिक्स का स्टॉक 5.42% ऊपर बंद हुआ। कोचीन शिपयार्ड के शेयरों में भी 6.10% की मजबूती दर्ज की गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रोन, मिसाइल सिस्टम और नेवल इक्विपमेंट जैसे एडवांस्ड डिफेंस प्रोडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ सकती है, जिससे सेक्टर में और मजबूती आने की संभावना है।
63,000 करोड़ की राफेल मरीन डील
इसी बीच भारत ने फ्रांस के साथ 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एक बड़ी डील साइन की। इस डील की कीमत करीब 63,000 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
समझौते के तहत भारत 22 सिंगल सीटर और 4 डबल सीटर राफेल मरीन विमान हासिल करेगा, जो परमाणु हथियारों के हमले में भी सक्षम होंगे। यह डील भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
राफेल डील को 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में अंतिम स्वीकृति मिली थी। यह बैठक पहलगाम हमले के तुरंत बाद बुलाई गई थी, जिससे डील की रणनीतिक महत्ता और भी बढ़ जाती है।
रणनीतिक बैठकों का दौर जारी
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जो करीब 40 मिनट चली। इस बैठक में राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री को पहलगाम हमले और पाकिस्तान के खिलाफ संभावित कदमों के बारे में जानकारी दी।
इसके अलावा, रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक भी सोमवार को प्रस्तावित थी, जिसमें पाकिस्तान को लेकर अहम रणनीतिक फैसले लिए जाने की संभावना जताई जा रही थी।
पहलगाम हमला: तनाव का मूल कारण
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष टूरिस्टों की जान चली गई। इस हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भी लगभग सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित करने की घोषणा कर दी। पाकिस्तान ने सिंधु जल के रोके जाने को "युद्ध की कार्यवाही" करार दिया है, जिससे क्षेत्रीय तनाव और भी गहरा गया है।
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