भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत! जब सेना में शामिल होगा ऐसा हथियार, पाकिस्तान के पसीने छूटना तय!

    भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम को और मजबूती मिली है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अब लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) Mk1A के लिए दूसरा सेंटर फ्यूजलेज असेंबली सौंपा गया है.

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    भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम को और मजबूती मिली है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अब लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) Mk1A के लिए दूसरा सेंटर फ्यूजलेज असेंबली सौंपा गया है. यह असेंबली हैदराबाद स्थित VEM टेक्नोलॉजीज द्वारा निर्मित की गई है और यह उस मिशन का हिस्सा है जो भारतीय वायुसेना के पुराने मिग-21 बेड़े को आधुनिक और स्वदेशी विकल्प से बदलने की दिशा में बढ़ रहा है.

    इससे पहले लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने कोयंबटूर यूनिट से पहली विंग असेंबली HAL को सौंपी थी. रक्षा मंत्रालय ने की सराहना, प्राइवेट सेक्टर की बढ़ रही भूमिका. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस मौके पर रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार वर्चुअली उपस्थित रहे. HAL की ओर से जनरल मैनेजर एम. अब्दुल सलाम ने VEM टेक्नोलॉजीज से यह असेंबली औपचारिक रूप से प्राप्त की.


    HAL घरेलू कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा है 

    सचिव संजीव कुमार ने HAL और निजी क्षेत्र के सहयोग को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा कि HAL जिस तरह से घरेलू निजी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा है, वह एक मजबूत रक्षा उत्पादन आधार तैयार कर रहा है. इसके साथ ही, उन्होंने तेजस के प्रोडक्शन लक्ष्यों को समय पर पूरा करने पर विश्वास जताया.

    तेजस Mk1A निर्माण में निजी कंपनियों की बड़ी भागीदारी

    अब तक LCA तेजस Mk1A के विभिन्न हिस्सों की आपूर्ति में कई निजी कंपनियां शामिल हो चुकी हैं. VEM टेक्नोलॉजीज – सेंटर फ्यूजलेज असेंबली, लार्सन एंड टुब्रो (L&T) – विंग असेंबली, लक्ष्मी मशीन वर्क्स – एयर इनटेक असेंबली, अल्फा टोकोल – रियर फ्यूजलेज असेंबली, एम्फेनॉल – लूम असेंबली, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स – फिन व रडर असेंबली. यह सहयोग ना सिर्फ तेजस प्रोग्राम की रफ्तार बढ़ा रहा है, बल्कि घरेलू रक्षा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद कर रहा है.

    स्वदेशीकरण को बढ़ावा: HAL की रणनीति रंग ला रही है

    आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने के लिए HAL लगातार स्वदेशीकरण पर फोकस कर रही है. अभी तक HAL न 6300 से ज्यादा भारतीय वेंडर्स के साथ काम किया है जिनमें 2448 MSME शामिल हैं,

    और पिछले तीन वर्षों में 13,763 करोड़ रुपये के ऑर्डर इन घरेलू सप्लायर्स को दिए गए हैं. इसका परिणाम यह रहा है कि भारत में एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र की घरेलू सप्लाई चेन अब पहले से कहीं अधिक मजबूत हो चुकी है और इसके जरिए हजारों कुशल नौकरियां भी पैदा हुई हैं.

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