अमेरिका में पढ़ाई और करियर का सपना संजोए भारतीय छात्रों के लिए हाल के दिनों में हालात काफी चुनौतीपूर्ण हो गए हैं. अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) की एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में वीजा रद्द होने और छात्रों के SEVIS रिकॉर्ड (स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विज़िटर इंफॉर्मेशन सिस्टम) बंद किए जाने के सबसे ज्यादा मामले भारतीय छात्रों से जुड़े हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुल 327 मामलों में से लगभग आधे छात्र भारत से हैं, जिनमें अधिकतर OPT प्रोग्राम (Optional Practical Training) के तहत अमेरिका में रह रहे थे। यह प्रोग्राम विदेशी छात्रों को पढ़ाई के बाद सीमित समय तक काम करने की अनुमति देता है.
छोटे बहानों पर लिया जा रहा कड़ा एक्शन
AILA की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वीजा रद्द करने के पीछे कई बार बहुत मामूली कारण दिए गए. कुछ मामलों में छात्रों को पार्किंग टिकट, सामान्य ट्रैफिक उल्लंघन या फिर प्रशासनिक त्रुटियों की वजह से टारगेट किया गया है. हैरानी की बात यह है कि इनमें से अधिकतर मामलों में छात्रों पर कोई भी गंभीर आरोप सिद्ध नहीं हो पाया है.
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OPT छात्र सबसे अधिक प्रभावित, नौकरियों पर भी पड़ा असर
SEVIS रिकॉर्ड हटते ही छात्रों का अमेरिका में रहना और काम करना दोनों ही गैरकानूनी हो जाता है. खासकर उन छात्रों के लिए स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है जिन्होंने हाल ही में अपनी पढ़ाई पूरी की है और OPT पर कार्यरत हैं. ऐसे छात्रों की नौकरी बीच में रुक गई है और कई कानूनी अड़चनों का सामना भी उन्हें करना पड़ रहा है.
टेक्सास में 118 छात्रों को एकसाथ झटका
सबसे गंभीर मामला टेक्सास राज्य से सामने आया है, जहां पिछले हफ्ते 118 भारतीय छात्रों को सूचित किया गया कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है या SEVIS रिकॉर्ड हटा दिया गया है. इसका सीधा असर उनके कानूनी दर्जे पर पड़ा है, और उनके साथ अमेरिका में रह रहे परिवारजन भी प्रभावित हुए हैं.बढ़ते इन मामलों ने भारतीय छात्रों के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है. कई छात्र पढ़ाई और नौकरी के बीच बुरी तरह उलझ गए हैं और उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि उनका अगला कदम क्या होना चाहिए.
भारत सरकार और अमेरिकी प्रशासन से हस्तक्षेप की उम्मीद
इस स्थिति में छात्रों और उनके परिवारों को उम्मीद है कि भारत सरकार इस मुद्दे को कूटनीतिक स्तर पर गंभीरता से उठाएगी और अमेरिकी प्रशासन से संवाद कर छात्रों को राहत दिलवाने की कोशिश करेगी. उच्च शिक्षा और वैश्विक करियर की राह में बेवजह आ रही बाधाएं छात्रों के भविष्य पर सीधा असर डाल सकती हैं.