हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिसके बाद देशभर में आक्रोश फैल गया. भारत सरकार ने इस हमले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित और सख्त कदम उठाए. जवाबी कार्रवाई के तहत पाकिस्तानियों को जारी किए गए वीजा रद्द कर दिए गए और सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 29 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया. लेकिन अब हालातों को देखते हुए सरकार ने मानवीय पहलू को प्राथमिकता दी है.
अटारी बॉर्डर से वापसी की मिली छूट
हालांकि 1 मई से अटारी इंटरनेशनल बॉर्डर को बंद करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन गृह मंत्रालय ने विशेष आदेश जारी करते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को कुछ राहत दी है. आदेश में कहा गया है कि वीजा और जरूरी दस्तावेजों के साथ मौजूद पाकिस्तानी नागरिक अभी भी अटारी बॉर्डर से अपने देश लौट सकते हैं.
बीएसएफ ने नहीं खोला बॉर्डर, नागरिकों में बढ़ी चिंता
पहले के आदेश के अनुसार सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 30 अप्रैल तक भारत छोड़कर लौटना था. लेकिन जब कई लोग 1 मई की सुबह बॉर्डर पर पहुंचे तो बीएसएफ ने सुरक्षा कारणों से बॉर्डर खोलने से इनकार कर दिया. इससे वहां मौजूद नागरिकों में तनाव और चिंता का माहौल बन गया.
सरकार का नरम रुख, राहत की सांस
हालात को समझते हुए केंद्र सरकार ने तुरंत नया आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया कि जिनके पास वैध पासपोर्ट और वीजा है, उन्हें अपने देश लौटने की इजाजत दी जाएगी. यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है, और यह सरकार की मानवीय दृष्टिकोण को भी दर्शाता है.
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