भारत से विवाद के बीच पाकिस्तान पहुंची चीनी सेना, भारतीय सीमा के पास होगी तैनाती! युद्ध में आएगा नया मोड़?

    चीनी सुरक्षा कंपनियों की सिंध में एंट्री हो गई है. यह एक ओर सिंध में तनाव की वजह बन रहा है, वहीं भारत के लिए भी यह सुरक्षा के लिहाज से मुश्किल का सबब है.​

    Chinese army reached Pakistan amid dispute with India
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हाल के दिनों में बढ़ते असंतोष और सुरक्षा चुनौतियां भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं. यहां पाकिस्तान की सेना और चीनी सुरक्षा कंपनियों की बढ़ती उपस्थिति क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर रही है, जिससे भारत की सुरक्षा नीति पर भी असर पड़ सकता है.​

    सिंध में असंतोष और सुरक्षा की नई चुनौतियां

    पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में सरकार विरोधी प्रदर्शन कोई नई बात नहीं है, लेकिन सिंध प्रांत में हालिया समय में स्थिति बदल गई है. यहां लगातार पाकिस्तान की सरकार और सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर दिखे हैं. सिंध में चीनी नागरिकों पर भी हमले हुए हैं, जिससे चीनी सुरक्षा कंपनियों की सिंध में एंट्री हो गई है. यह एक ओर सिंध में तनाव की वजह बन रहा है, वहीं भारत के लिए भी यह सुरक्षा के लिहाज से मुश्किल का सबब है.​

    चीन की बढ़ती सुरक्षा भूमिका

    यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का सिंध प्रांत एक बड़े संकट में फंसता जा रहा है. एक ओर पाक सेना की भूमिका बढ़ रही है, तो दूसरी ओर चीनी निजी सुरक्षा कंपनियां इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर रही हैं. यह चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग को दर्शाता है, जो भारत के लिए एक खतरे की घंटी है.​

    चीन ने इस साल मार्च में पहली बार एक समझौते के तहत सिंध प्रांत में अपने निजी सुरक्षाकर्मियों को भेजा है. यह कदम चीनी नागरिकों पर बढ़ते हमलों के बाद उठाया गया है. इससे पता चलता है कि चीन अपने रणनीतिक हितों की रक्षा करने के लिए सीधे तौर पर आगे आ रहा है.​

    भारत के लिए रणनीतिक निहितार्थ

    पाकिस्तान में चीन की बढ़ती सुरक्षा भूमिका केवल उसके आर्थिक हितों तक ही सीमित नहीं है. इसके भारत के लिए सीधे रणनीतिक निहितार्थ हैं. भारत के लिए सबसे चिंता की बात यह है कि चीन नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान को सैन्य सहायता दे रहा है. इसमें बंकरों का निर्माण, ड्रोन आपूर्ति, एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन सिस्टम और रडार तकनीक शामिल हैं. ये सभी चीजें भारत के खिलाफ पाकिस्तान की निगरानी और हमले की क्षमताओं को बढ़ाती हैं.​

    पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाना चीन की भारत को घेरने की रणनीति का हिस्सा है. इसे श्रीलंका और नेपाल में चीन के बढ़ते प्रभाव से और बल मिलता है. चीन और पाकिस्तान के बीच खुफिया सहयोग से भारतीय क्षेत्र में सीमा पार निगरानी का डर बढ़ा है. ऐसी अटकलें हैं कि चीनी नागरिकों पर पाकिस्तान में हमले जारी रहे तो बीजिंग आधिकारिक तौर पर वहां अपनी सेना (PLA) की तैनाती कर सकता है. यह क्षेत्रीय स्थिरता और भारत के लिए खतरनाक बदलाव होगा.

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