M109 होवित्‍जर तोप की बैरल का दीवाना हुआ ये मुस्लिम देश... यूरोप को झटका!

    भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताएं अब वैश्विक स्तर पर तेजी से पहचान बना रही हैं. इसी दिशा में एक बड़ा कदम सामने आया है, जहां भारत की निजी रक्षा निर्माण कंपनी भारत फोर्ज ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की सरकारी रक्षा कंपनी एज ग्रुप (Edge Group) के साथ एक रणनीतिक समझौता किया है.

    Indian deak with middle east gave export order of m109 barrels
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    भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताएं अब वैश्विक स्तर पर तेजी से पहचान बना रही हैं. इसी दिशा में एक बड़ा कदम सामने आया है, जहां भारत की निजी रक्षा निर्माण कंपनी भारत फोर्ज ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की सरकारी रक्षा कंपनी एज ग्रुप (Edge Group) के साथ एक रणनीतिक समझौता किया है. इस अनुबंध के तहत भारत फोर्ज, UAE को M109 हॉवित्जर के लिए 155x52 मिमी बैरल्स की आपूर्ति करेगी.

    भारत सरकार का लक्ष्य है कि वह वर्ष 2025 तक रक्षा निर्यात को 5 अरब डॉलर तक पहुंचाए, और इस दिशा में निजी कंपनियों की भागीदारी उल्लेखनीय रही है. भारत फोर्ज का यह सौदा इसी लक्ष्य को मजबूत करता है. शुरुआती चरण में करीब 50 करोड़ रुपये के टेस्ट बैच की आपूर्ति की जाएगी, जिसके सफल रहने पर यह सौदा 500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. यह भारत की किसी निजी रक्षा कंपनी द्वारा UAE की सरकारी रक्षा इकाई के साथ बैरल जैसे अहम मिलिट्री कंपोनेंट की पहली डील है.

    क्या है M109 हॉवित्जर और बैरल की अहमियत?

    M109 हॉवित्जर एक 155 मिमी की ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड आर्टिलरी गन है, जिसे कई देशों की सेनाएं प्रयोग करती हैं. UAE ने 1995 में नीदरलैंड से 87 M109A3 यूनिट्स खरीदे थे, जिन्हें बाद में अपग्रेड करके अपने सैन्य बेड़े में शामिल किया. इन हथियारों का इस्तेमाल यमन युद्ध में हूती विद्रोहियों के खिलाफ किया गया था. इस सिस्टम में बैरल एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है – यह न सिर्फ रेंज और प्रिसिशन को प्रभावित करता है, बल्कि इसकी क्वालिटी ही तोप की क्षमता तय करती है. ऐसे में भारत फोर्ज द्वारा निर्मित बैरल की उच्च गुणवत्ता इस डील को विशेष बनाती है.

    भारत की रक्षा उद्योग को मिल सकती है नई उड़ान

    रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ऐसे अडवांस्ड बैरल्स की मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक बढ़ेगी. इस डील के माध्यम से भारत फोर्ज को वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण स्थान मिल सकता है. इसके साथ ही यह समझौता मिडिल ईस्ट के बाजार में भारतीय रक्षा कंपनियों की पहुंच को भी दर्शाता है. एज ग्रुप, जो UAE की प्रमुख डिफेंस फर्म है, ड्रोन, बख्तरबंद वाहन, लेजर-गाइडेड सिस्टम्स और छोटे हथियार जैसे कई हाई-टेक उत्पाद बनाती है. गौरतलब है कि एज ग्रुप की सहायक कंपनी काराकल ने वर्ष 2020 में भारतीय सेना के लिए कार्बाइन सप्लाई का टेंडर भी जीता था, हालांकि वह डील आगे नहीं बढ़ पाई थी.

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