अब अंतरिक्ष से चप्पे-चप्पे पर नजर रखेगा भारत, तैनात करेगा AI बेस्ड रक्षा सैटेलाइट, चीन के उड़े होश!

    भारत अब अंतरिक्ष से भी अपनी सीमाओं की निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है.

    India will deploy AI based defense satellite
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    नई दिल्ली: भारत अब अंतरिक्ष से भी अपनी सीमाओं की निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है. सरकार ने वर्ष 2029 तक कुल 52 उन्नत रक्षा सैटेलाइट्स को लॉन्च करने की योजना बनाई है, जो देश की सीमाओं विशेषकर चीन और पाकिस्तान से लगे इलाकों पर चौबीसों घंटे नजर रखेंगे. ये सैटेलाइट्स अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होंगे, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सर्विलांस क्षमता भी शामिल है.

    राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अंतरिक्ष मिशन

    इस रणनीतिक अभियान को डिफेंस स्पेस एजेंसी (DSA) के नेतृत्व में अंजाम दिया जा रहा है. इसके तहत भारत का प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो (ISRO) कुल 21 सैटेलाइट्स का निर्माण और प्रक्षेपण करेगा, जबकि शेष 31 सैटेलाइट्स देश की तीन अग्रणी निजी कंपनियों द्वारा विकसित किए जाएंगे.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने अक्टूबर 2024 में इस परियोजना के लिए 26,968 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी थी.

    ऑर्बिट में तैनाती और लॉन्च टाइमलाइन

    इन सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) और जियोस्टेशनरी ऑर्बिट (GEO) में तैनात किया जाएगा, ताकि वे स्थायी रूप से सीमाई क्षेत्रों और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों की निगरानी कर सकें. पहला सैटेलाइट अप्रैल 2026 में लॉन्च किए जाने की योजना है, और इसकी टाइमलाइन को और तेज़ करने पर भी काम चल रहा है.

    चीन-पाकिस्तान पर पैनी नजर

    इस अभियान का उद्देश्य न केवल भूमि सीमाओं की निगरानी करना है, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में हो रही गतिविधियों पर भी नजर रखना है. परियोजना के तहत संचालित Space-Based Surveillance Phase-3 (SBS-3) भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को एक नई ऊंचाई देगा.

    सभी 52 सैटेलाइट्स एक प्रकार से “आकाश में भारत की आंखें” बन जाएंगी, जो संभावित खतरों की पहचान कर सुरक्षा एजेंसियों को त्वरित सूचना भेज सकेंगी.

    हाई-ऑल्टिट्यूड सिस्टम से मिलेगा सहयोग

    इसके अलावा, भारतीय वायुसेना (IAF) भी तीन High Altitude Pseudo Satellite (HAPS) विमान विकसित करने की दिशा में काम कर रही है, जो सैटेलाइट्स के पूरक के रूप में सीमावर्ती क्षेत्रों की निगरानी करेंगे.

    चीन से मुकाबले की रणनीति

    जहां भारत इस दिशा में अब निर्णायक कदम उठा रहा है, वहीं चीन ने अंतरिक्ष क्षमताओं के विस्तार में पिछले एक दशक में उल्लेखनीय प्रगति की है. एक अनुमान के मुताबिक चीन के पास 1000 से अधिक सैटेलाइट्स हैं, जिनमें से लगभग 360 सैटेलाइट्स निगरानी और सैन्य उपयोग के लिए तैनात हैं. इसके अलावा चीन के पास एंटी-सैटेलाइट हथियार, लेजर टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम भी हैं.

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