1970 के एयर डिफेंस सिस्टम को भारत ने किया अपग्रेड, ऑपरेशन सिंदूर में मार गिराया कई ड्रोन, जानें ताकत

    भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित और उन्नत किए गए स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम्स ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ अपनी प्रभावशीलता सिद्ध की.

    India upgraded the 1970 air defense system in Operation Sindoor
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    नई दिल्ली: भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित और उन्नत किए गए स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम्स ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ अपनी प्रभावशीलता सिद्ध की. इस अभियान में, भारत ने आधुनिक तकनीक के साथ-साथ पुराने लेकिन उन्नत किए गए हथियार प्रणालियों का भी कुशलतापूर्वक उपयोग किया, जिससे देश की रक्षा क्षमताओं में आत्मनिर्भरता और नवाचार की झलक मिली.

    ब्रह्मोस मिसाइल, एस 400 व स्वदेशी आकाश जैसे आधुनिक एयर डिफेंस की ताकत दुनिया ने देखी. वहीं विंटेज पिचौरा एयर डिफेंस सिस्टम, समर मिसाइल सिस्टम और एम 70 एयर गन को भी उपयोग में लिया गया.

    स्वदेशी रक्षा प्रणालियों का शक्ति प्रदर्शन

    'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियों का उपयोग किया. इसमें ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल सिस्टम्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो पहले से ही चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) में सफलतापूर्वक परीक्षणित किए जा चुके थे. ब्रह्मोस मिसाइलों ने दुश्मन के बंकरों और एयरबेस को एक मीटर की सटीकता से निशाना बनाया, जबकि आकाश सिस्टम को सतह से सतह पर हमलों के लिए अनुकूलित किया गया, जिससे यह अभियान भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गया. 

    पिचौरा: पुरानी विरासत, नई ताकत

    सोवियत युग की पिचौरा मिसाइल प्रणाली, जिसे S-125 नोवा या NATO नाम SA-3 गोआ के नाम से जाना जाता है, को DRDO ने आधुनिक तकनीक से उन्नत किया है. इसमें रडार और टारगेटिंग सिस्टम को अपग्रेड किया गया, जिससे यह प्रणाली ड्रोन, हेलिकॉप्टर और क्रूज मिसाइल जैसे निम्न-ऊंचाई वाले लक्ष्यों को 30-35 किलोमीटर की दूरी तक प्रभावी ढंग से नष्ट कर सकती है. ऑपरेशन सिंदूर में, पिचौरा ने पाकिस्तान द्वारा भेजे गए कई ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया. 

    समर मिसाइल सिस्टम: नया अवतार

    भारतीय वायु सेना के 11 और 7 बेस रिपेयर डिपो ने पुराने रूसी मूल के R-73 और R-27 एयर-टू-एयर मिसाइलों को पुनः उपयोग में लाते हुए समर (SAMAR) एयर डिफेंस सिस्टम विकसित किया है. समर-1 प्रणाली में Vympel R-73E मिसाइलों का उपयोग किया गया है, जो 8 किलोमीटर की रेंज में लक्ष्यों को निशाना बना सकती हैं, जबकि समर-2 प्रणाली में R-27 मिसाइलों का उपयोग किया गया है, जिसकी रेंज लगभग 30 किलोमीटर है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, समर प्रणाली ने पाकिस्तान के ड्रोन और हेलिकॉप्टरों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया. 

    L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन:

    स्वीडन मूल की L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन को भारत ने BEL के साथ मिलकर अपग्रेड किया है. इसमें ऑटोमैटिक फायरिंग सिस्टम, रडार आधारित टारगेटिंग और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर शामिल हैं, जिससे यह प्रणाली 3-4 किलोमीटर की रेंज में कम ऊंचाई पर उड़ रहे ड्रोन और हल्के हवाई वाहनों को प्रभावी ढंग से नष्ट कर सकती है. ऑपरेशन सिंदूर में, L-70 गन ने पाकिस्तान से आए कई ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया.

    एकीकृत एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS):

    IACCS ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच वास्तविक समय में समन्वय स्थापित किया, जिससे दुश्मन के हवाई हमलों का त्वरित और प्रभावी जवाब संभव हुआ. इस प्रणाली ने लक्ष्य आवंटन समय को 20 सेकंड से घटाकर 12 सेकंड कर दिया, जिससे भारत की रक्षा प्रतिक्रिया क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. 

    एंटी-ड्रोन सिस्टम: इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में बढ़त

    DRDO द्वारा विकसित D4 एंटी-ड्रोन सिस्टम ने उन्नत GPS स्पूफिंग और RF जैमिंग तकनीकों का उपयोग करते हुए दुश्मन के ड्रोन को निष्क्रिय किया. इस प्रणाली ने महंगे मिसाइल इंटरसेप्ट की आवश्यकता को कम किया और भारत की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं को प्रदर्शित किया.

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