पहलगाम हमले पर भारत का बड़ा एक्शन, सिंधु जल समझौता रोका, पाकिस्तानी दूतावास और अटारी-बाघा बॉर्डर बंद

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रति एक सख्त और निर्णायक रुख अपनाया है. इस हमले में अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें बहुसंख्यक पर्यटक थे. यह घटना 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला मानी जा रही है.

    India takes big action on Pahalgam attack Indus Water Treaty stopped Pakistani Embassy and Attari-Wagah border closed
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रति एक सख्त और निर्णायक रुख अपनाया है. इस हमले में अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें बहुसंख्यक पर्यटक थे. यह घटना 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला मानी जा रही है.

    भारत सरकार के चार प्रमुख निर्णय

    हमले के 24 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक के बाद सरकार ने चार अहम फैसलों की घोषणा की:

    सिंधु जल समझौता निलंबित:

    भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को एकतरफा समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार का कहना है कि “पड़ोसी देश जो आतंकवाद को बढ़ावा देता है, उसके साथ जल साझेदारी संभव नहीं.”

    पाकिस्तान उच्चायोग बंद:

    दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास को बंद किया जाएगा. पाकिस्तानी राजदूत और राजनयिक स्टाफ को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं.

    पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द:

    भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं. उन्हें 7 दिन के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.

    अटारी-वाघा चेक पोस्ट अस्थायी रूप से बंद:

    भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र स्थायी सड़क संपर्क अटारी चेक पोस्ट को अगले आदेश तक सील कर दिया गया है.

    राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा समीक्षा

    सरकार के इन निर्णयों के पीछे केवल भावनात्मक आक्रोश नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है—कि भारत अब "आतंकवाद और बातचीत" को एक साथ नहीं देखता.

    बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल, और वरिष्ठ रक्षा एवं खुफिया अधिकारी मौजूद थे.

    हमले के पीछे कौन?

    • खुफिया सूत्रों के मुताबिक, हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट संगठन TRF ने ली है.
    • संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए गए हैं—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, अबु तल्हा.
    • हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है लश्कर का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद, जो फिलहाल पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में है.
    • हमले में दो स्थानीय और तीन विदेशी (पाकिस्तानी) आतंकियों के शामिल होने की पुष्टि हुई है.

    आतंक के साथ कोई संवाद नहीं

    प्रधानमंत्री मोदी ने हमले के बाद विदेश से लौटते ही सुरक्षा हालात की समीक्षा की और यह स्पष्ट कर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस नीति' पर अडिग है.

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "हम केवल हमलावरों तक नहीं, उनके संरक्षकों तक भी पहुंचेंगे, चाहे वे कहीं भी हों."

    दुनिया की नजरें अब भारत पर

    • भारत की प्रतिक्रिया वैश्विक मंच पर भी चर्चा का विषय बन चुकी है.
    • संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, और जापान सहित कई देशों ने हमले की निंदा की है और भारत के साथ एकजुटता जताई है.

    आगे क्या?

    • भारत इस घटनाक्रम को संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की योजना बना रहा है.
    • सुरक्षा बलों को कश्मीर घाटी में ऑपरेशनल मोड पर रखा गया है.
    • संभावित हमलों को देखते हुए सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों और पर्यटक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

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