Car Nicobar Air Base: हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सामरिक पकड़ और मजबूत होने जा रही है. अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में स्थित भारतीय वायुसेना के कार निकोबार एयर बेस को एक बड़ा रणनीतिक अपग्रेड मिला है. अंडमान और निकोबार कमांड के अंतर्गत आने वाले इस अहम एयर बेस का रनवे पूरी तरह से नया तैयार किया गया है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान 2 जनवरी 2026 को इस अपग्रेडेड रनवे का औपचारिक उद्घाटन करेंगे.
कार निकोबार एयर बेस की भौगोलिक स्थिति इसे बेहद महत्वपूर्ण बनाती है. यह बेस मलक्का जलडमरूमध्य के बेहद करीब स्थित है, जहां से दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री व्यापार मार्गों पर नजर रखी जा सकती है. यह वही क्षेत्र है जहां से एशिया, यूरोप और मध्य-पूर्व के बीच होने वाले बड़े हिस्से के समुद्री व्यापार का आवागमन होता है.
रनवे की प्रमुख विशेषताएं
कार निकोबार एयर फोर्स स्टेशन का नया रनवे करीब 2717 मीटर लंबा और 43 मीटर चौड़ा है, जिसे मजबूत कंक्रीट संरचना के साथ तैयार किया गया है. यह रनवे अब भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना, तीनों के लिए एक अहम लॉजिस्टिक्स और ऑपरेशनल हब के रूप में कार्य करेगा.
अपग्रेड में क्या-क्या शामिल है?
लड़ाकू विमानों की बढ़ती तैनाती
अपग्रेड के बाद यहां Su-30MKI लड़ाकू विमान प्रमुख भूमिका में होंगे. इसके अलावा, आने वाले समय में मिराज लड़ाकू विमानों की भी तैनाती की जाएगी. ये विमान लंबी दूरी की फायरिंग और स्ट्राइक एक्सरसाइज करेंगे, जिससे भारत की पूर्वी दिशा में लड़ाकू तैयारियां कहीं अधिक मजबूत होंगी.
मिसाइल परीक्षण क्षमता में इजाफा
इस अपग्रेड से अंडमान-निकोबार क्षेत्र में भारतीय सेनाओं की मिसाइल परीक्षण और निगरानी क्षमता को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा. इससे न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि किसी भी संभावित खतरे पर त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता भी बढ़ेगी.
आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा कदम
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह अपग्रेड भारत की चल रही सैन्य आधुनिकीकरण योजना का अहम हिस्सा है. इससे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति और प्रभाव दोनों को मजबूती मिलेगी और भारत एक मजबूत समुद्री शक्ति के रूप में अपनी भूमिका और प्रभावी ढंग से निभा सकेगा.
ये भी पढ़ें- पुतिन के घर हमले के दावे पर PM मोदी ने दी प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा? ट्रंप भी भड़के