Fit India Movement: भारत में फिटनेस को केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि जीवनशैली बनाने की दिशा में फिट इंडिया मूवमेंट ने बीते कुछ वर्षों में बड़ी भूमिका निभाई है. इस अभियान ने खेल, व्यायाम और वेलनेस को आम नागरिक के दैनिक जीवन से जोड़ते हुए फिटनेस को एक राष्ट्रीय संकल्प का रूप दिया है. इसका उद्देश्य साफ है. हर उम्र, हर वर्ग और हर क्षेत्र तक सक्रिय जीवनशैली की सोच को पहुंचाना.
29 अगस्त 2019 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया फिट इंडिया मूवमेंट, शारीरिक सक्रियता और मानसिक स्वास्थ्य को समान महत्व देता है. यह पहल लोगों को खेल, योग, साइक्लिंग और नियमित एक्सरसाइज जैसी आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है, ताकि भारत एक स्वस्थ और सशक्त राष्ट्र बन सके.
‘संडेज़ ऑन साइकिल’, फिटनेस और पर्यावरण का संगम
फिट इंडिया मूवमेंट के अंतर्गत शुरू की गई Sundays on Cycle (SoC) एक प्रमुख साप्ताहिक पहल है, जो फिटनेस के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है. 17 दिसंबर को शुरू हुई यह पहल जल्द ही रविवार को स्थानांतरित कर दी गई और अब तक इसके 55 से अधिक लगातार संस्करण आयोजित हो चुके हैं.
देशव्यापी विस्तार और पहुंच
कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले कुछ इलाकों को छोड़कर, Sundays on Cycle लगभग पूरे भारत में आयोजित हो चुका है. करीब 700 जिलों में इसकी मौजूदगी दर्ज की गई है. कारगिल जैसे दुर्गम क्षेत्र में भी शून्य से नीचे तापमान में लोगों ने साइक्लिंग कर इस अभियान को समर्थन दिया.
सहभागिता और प्रभाव
शहरों और गांवों को जोड़ते हुए अब तक 2.2 करोड़ से अधिक लोग इस पहल का हिस्सा बन चुके हैं. देशभर में 1.81 लाख से ज्यादा स्थानों पर गतिविधियां आयोजित की गईं, जिसने इसे एक व्यापक जनआंदोलन का रूप दे दिया है.
राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
कश्मीर से कन्याकुमारी और नागालैंड से गुजरात तक फैली सहभागिता ने Sundays on Cycle को केवल फिटनेस अभियान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बना दिया है. यह पहल भौगोलिक सीमाओं से ऊपर उठकर लोगों को एक साझा उद्देश्य से जोड़ती है.
पहली वर्षगांठ का उत्सव
इस पहल की पहली वर्षगांठ पूरे देश में उत्साह के साथ मनाई गई. मुख्य कार्यक्रम पुडुचेरी में आयोजित हुआ, जहां माननीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री के नेतृत्व में 1,500 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.
साइक्लिंग क्लबों का बढ़ता नेटवर्क
जहां शुरुआत में कुछ सौ साइक्लिंग क्लब सक्रिय थे, वहीं आज NaMo Fit India Cycling Clubs की संख्या बढ़कर करीब 5,000 तक पहुंच चुकी है. यह वृद्धि बताती है कि साइक्लिंग अब शौक नहीं, बल्कि सामूहिक फिटनेस संस्कृति बन रही है.
हर वर्ग की भागीदारी
Sundays on Cycle की खासियत इसकी समावेशिता है. डॉक्टर, शिक्षक, मजदूर, पंचायत प्रतिनिधि, सरकारी कर्मचारी, पुलिस और सशस्त्र बलों के जवानों से लेकर सांसद, छात्र, आरडब्ल्यूए सदस्य और सामाजिक संगठन—हर वर्ग ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है.
चर्चित हस्तियों का समर्थन
खेल जगत, सिनेमा और सार्वजनिक जीवन से जुड़ी कई जानी-मानी हस्तियों ने इस पहल में भाग लेकर इसे प्रोत्साहित किया. ओलंपिक खिलाड़ी, अभिनेता और राजनेताओं की मौजूदगी ने युवाओं में फिटनेस के प्रति उत्साह और बढ़ाया है.
कार्बन क्रेडिट और तकनीक का उपयोग
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए Fit India Mobile App के जरिए कार्बन क्रेडिट इंसेंटिव प्रोग्राम शुरू किया गया. साइक्लिंग करने पर यूज़र्स को कार्बन क्रेडिट मिलते हैं, जिन्हें आगे वित्तीय प्रोत्साहन और रिवॉर्ड्स में बदला जा सकता है. ऐप में मासिक साइक्लिंग लीडरबोर्ड भी उपलब्ध है.
वाहन-मुक्त क्षेत्र की पहल
फिट इंडिया के तहत कई स्टेडियम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और कॉर्पोरेट कैंपस को वाहन-मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है, जहां केवल पैदल चलने और साइक्लिंग की अनुमति है. आने वाले समय में कई आईआईटी कैंपस भी इस दिशा में कदम बढ़ाने वाले हैं.
लगातार विस्तार की ओर
जयपुर, वाराणसी, गोवा, कोलकाता और पुडुचेरी जैसे शहरों में Sundays on Cycle को बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा है. राज्य सरकारों और आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से इसका दायरा लगातार बढ़ रहा है.
फिट इंडिया मूवमेंट का व्यापक असर
नेशनल स्पोर्ट्स डे पर जहां पहले सीमित भागीदारी होती थी, वहीं अब यह संख्या करोड़ों तक पहुंच गई है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस और योग दिवस जैसे आयोजनों को भी सप्ताहभर चलने वाले फिटनेस उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है.
एक जनआंदोलन की पहचान
फिट इंडिया मूवमेंट आज खेल और फिटनेस को सरकारी योजना से आगे ले जाकर पीपल्स मूवमेंट के रूप में स्थापित कर चुका है. यह अभियान न केवल शरीर को स्वस्थ रखने की प्रेरणा देता है, बल्कि एक सक्रिय, जागरूक और आत्मनिर्भर समाज की नींव भी मजबूत करता है.
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