'पाकिस्तान अपने गिरेबान में झांके', वक्फ कानून को लेकर पाक की टिप्पणी पर भारत ने लगाई फटकार

भारत सरकार ने पाकिस्तान द्वारा वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर की गई टिप्पणी को पूरी तरह से बेबुनियाद और गलत बताया है. मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई हक नहीं है.

'पाकिस्तान अपने गिरेबान में झांके', वक्फ कानून को लेकर पाक की टिप्पणी पर भारत ने लगाई फटकार
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भारत सरकार ने पाकिस्तान द्वारा वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर की गई टिप्पणी को पूरी तरह से बेबुनियाद और गलत बताया है. मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई हक नहीं है. उन्होंने कहा, "भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमारे यहां बनाए जाने वाले सभी कानून संविधान के दायरे में होते हैं. पाकिस्तान को खुद की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, खासकर अपने देश में अल्पसंख्यकों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर."

पाकिस्तान पहले अपने हालात देखे

रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि पाकिस्तान को दूसरों को सलाह देने से पहले खुद के देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर काम करना चाहिए, क्योंकि उसका रिकॉर्ड बहुत ही खराब है.

वक्फ कानून पर देश में बढ़ रही बहस

हाल ही में लागू हुए वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर देशभर में राजनीति और विरोध तेज हो गया है. कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन और हिंसा की खबरें भी सामने आई हैं. इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और बुधवार को इस पर सुनवाई होनी है.

किन नेताओं और संगठनों ने दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती?

इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं. याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं. असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM प्रमुख), अमानतुल्लाह खान (आप पार्टी), मनोज कुमार झा (राजद सांसद), जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अरशद मदनी, एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, समस्त केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब खान सलमानी, मोहम्मद शफी, और मोहम्मद फजलुर्रहीम