भारत ने छोड़ा रावी और सतलुज नदी में पानी, पाकिस्तान में बाढ़ ने मचाई तबाही, सैकड़ों गांव हुए जलमग्न

    पाकिस्तान के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. खासतौर से पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हालात बेकाबू हैं.

    India released water floods caused devastation in Pakistan
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. खासतौर से पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हालात बेकाबू हैं. भारी बारिश के चलते पहले से ही तनावपूर्ण माहौल और बिगड़ गया जब भारत की ओर से रावी और सतलुज नदियों में पानी छोड़ा गया, जिससे इन इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया.

    पाकिस्तानी आपदा प्रबंधन एजेंसी NDMA ने भारत द्वारा पानी छोड़े जाने की सूचना मिलते ही प्रभावित इलाकों में बाढ़ अलर्ट जारी किया. इसके बाद तेजी से राहत एवं बचाव कार्य शुरू हुए, जिसमें अब तक 1.5 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. NDMA के अनुसार, स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है और सतत निगरानी की जा रही है.

    भारत की चेतावनी और बाढ़ की शुरुआत

    भारत की ओर से माधोपुर हेडवर्क्स (पंजाब में स्थित) से रावी नदी में अतिरिक्त पानी छोड़ा गया, जिसके बाद नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया. इसके साथ ही सतलुज नदी में भी भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिससे पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब के कई गांव जलमग्न हो गए.

    भारत ने पाकिस्तान को समय रहते इस जल छोड़े जाने की जानकारी दे दी थी. यह सूचना मिलने के बाद पाकिस्तान के स्थानीय प्रशासन ने कुछ अहम कदम उठाए, जिनमें संवेदनशील क्षेत्रों से नागरिकों का तत्काल निकासी अभियान शामिल है.

    NDMA के मुताबिक, भारत के हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में भारी मानसूनी वर्षा के चलते नदियों में जलस्तर बढ़ा है और उसी का प्रभाव पाकिस्तान की ओर बहने वाली नदियों पर भी पड़ा है. इस वजह से रावी और सतलुज के साथ-साथ कई सहायक नदियों में भी बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है.

    जलस्तर और बाढ़ की स्थिति

    पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स और NDMA के अनुसार, रावी और सतलुज नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. दोनों नदियों के किनारे बसे अनेक गांवों में पानी भर गया है. प्रशासन ने विशेष रूप से बहावलनगर, कसूर, ओकारा, पाकपत्तन, बहावलपुर और वेहारी जैसे जिलों से हजारों नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है.

    • सतलुज नदी कई स्थानों पर खतरनाक जल स्तर तक पहुंच चुकी है और वहां उच्च बाढ़ की स्थिति है.
    • रावी नदी में भी मध्यम से निम्न स्तर की बाढ़ देखी जा रही है, हालांकि खतरा लगातार बढ़ रहा है.

    इसके अलावा बेसंतर, बेईन, देग जैसी छोटी सहायक नदियाँ भी खतरे की सीमा पर हैं और कई स्थानों पर खेतों और रिहायशी इलाकों को डुबो चुकी हैं.

    प्रशासन की तैयारी और लोगों की मुश्किलें

    पंजाब के लाहौर, साहीवाल, मुल्तान, बहावलपुर और डेरा गाजी खान जिलों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. अधिकारियों ने स्थानीय मस्जिदों और लाउडस्पीकरों के ज़रिए लोगों से नदी किनारे और निचले इलाकों को तुरंत खाली करने की अपील की है.

    हालांकि, राहत अभियान के दौरान एक बड़ी चुनौती पशुओं की सुरक्षा को लेकर सामने आई है. ग्रामीण क्षेत्रों के लोग अपने मवेशियों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं, जिससे उनके रेस्क्यू में देरी हो रही है. प्रशासन ने इस समस्या को देखते हुए पशुओं के लिए विशेष राहत शिविर और चारे की व्यवस्था शुरू की है ताकि लोगों को मनाया जा सके.

    भविष्य की चिंता: और बढ़ सकती है मुसीबत

    NDMA ने चेतावनी दी है कि यदि पहाड़ी इलाकों में बारिश का सिलसिला यूँ ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में नदियों का प्रवाह और तेज हो सकता है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है. इसलिए स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन व्यवस्था को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं.

    पंजाब के कई जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और अधिकारियों ने लोगों से बिना ज़रूरत घरों से बाहर न निकलने की अपील की है.

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