1800 टैंक, 500 हाइपरसोनिक मिसाइल, लेजर वेपन, 2040 तक का रोडमैप तैयार... पाक का फटेगा कलेजा!

    वैश्विक स्तर पर चल रहे संघर्षों, जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा में जारी हिंसा के बीच, भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं को नए सिरे से गढ़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है.

    India ready 2040 war roadmap war tanks missile
    Image Source: Meta Ai

    वैश्विक स्तर पर चल रहे संघर्षों, जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा में जारी हिंसा के बीच, भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं को नए सिरे से गढ़ने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए ऑपरेशन 'सिंदूर' जैसे तनावपूर्ण घटनाक्रमों ने यह साबित कर दिया है कि अगली लड़ाई सिर्फ सीमा पर नहीं होगी बल्कि अंतरिक्ष, साइबर और तकनीक के मोर्चों पर भी लड़ी जाएगी.

    इसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्रालय ने एक विस्तृत “टेक्नोलॉजी विजन एंड कैपेबिलिटी रोडमैप” जारी किया है, जो अगले 15 वर्षों के भीतर थल, वायु और नौसेना  तीनों सेनाओं की तकनीकी रीढ़ को पूरी तरह बदलने वाला है.

    नए टैंक, रोबोट और स्मार्ट हथियारों से लैस होगी फौज

    दस्तावेज के अनुसार, भारतीय थलसेना की ताकत अब सिर्फ संख्या में नहीं, तकनीक में भी दिखाई देगी. मौजूदा T-72 टैंकों की जगह लेने के लिए 1,800 नए टैंक खरीदे जाएंगे. साथ ही, 300-400 हल्के टैंक अलग-अलग इलाकों के लिए तैनात किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त 50,000 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें, 700 रोबोटिक IED-रोधी सिस्टम, 6 लाख तोप के गोले, उन्नत यूएवी और ड्रोन तकनीक ये सभी मिलकर भारत की जमीनी मारक क्षमता को एक स्मार्ट और फुर्तीली फोर्स में बदल देंगे.

    समुद्री ताकत बनेगी परमाणु ऊर्जा से संचालित

    भारतीय नौसेना के लिए भी भविष्य की योजना बेहद महत्वाकांक्षी है. INS विक्रांत के बाद एक और एयरक्राफ्ट कैरियर के निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है. इसके अलावा 10 अगली पीढ़ी के फ्रिगेट, 7 एडवांस्ड कॉर्वेट, 4 लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक्स, 150 टॉरपीडो और 100 फास्ट इंटरसेप्टर बोट, सबसे बड़ा कदम होगा न्यूक्लियर पावर वॉरशिप की तैनाती — जो भारत को लम्बे समय तक समुद्री संचालन की क्षमता देगा.

    आसमान में स्टेल्थ टेक्नोलॉजी और हाइपरसोनिक हथियार

    वायुसेना को लेकर बनाई गई योजना तकनीक और ऑटोमेशन का मिश्रण है. रोडमैप के मुताबिक 75 हाई-एल्टीट्यूड प्सूडो-सैटेलाइट, 150 स्टेल्थ बॉम्बर ड्रोन, 100 से अधिक रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट. सैकड़ों प्रिसिजन-गाइडेड हथियार इनके ज़रिए भारत की हवाई रक्षा एक मल्टी-लेयर शील्ड के रूप में विकसित होगी, जो हर दिशा से आने वाले खतरे का जवाब दे सकेगी.

    भविष्य का युद्ध: लेजर, डायरेक्टेड एनर्जी वेपन और हाइपरसोनिक मिसाइलें

    रक्षा मंत्रालय की योजना में सबसे अहम बिंदु है. लेजर वेपन और डायरेक्टेड एनर्जी सिस्टम्स. ये वो हथियार होंगे जो गोलियों की जगह ऊर्जा किरणों से काम करेंगे. चीन पहले ही इन्हें सार्वजनिक कर चुका है और भारत अब तेजी से इन्हें तैयार करेगा.

    साथ ही भारत 500 हाइपरसोनिक मिसाइलें तैनात करेगा. दुश्मन के हाइपरसोनिक हमलों को पहचानने और रोकने की तकनीक विकसित करेगा. साइबर और स्पेस में सुरक्षा का नया कवच. युद्ध के नए आयामों में साइबर अटैक और सैटेलाइट सुरक्षा अब अहम हिस्सा बन चुके हैं. इस रोडमैप में 'साइबर-हार्डनिंग' तकनीक, स्पेस-बेस्ड लेजर रेंज फाइंडर, सुरक्षित सैन्य संचार नेटवर्क, जैसी रणनीतियों को विशेष प्राथमिकता दी गई है.

    'ऑपरेशन सिंदूर' की पृष्ठभूमि में आया यह डॉक्यूमेंट

    यह विजन दस्तावेज ऐसे समय पर आया है जब कुछ ही महीने पहले पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर जवाबी हमला किया था. उस दौरान पाकिस्तान की ओर से दागे गए हजारों ड्रोन और रॉकेट भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही नष्ट कर दिए थे.

    यह सिर्फ सैन्य योजना नहीं, उद्योग जगत के लिए भी संकेत है

    रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह रोडमैप न सिर्फ सेनाओं को दिशा देगा, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग, स्टार्टअप्स और रिसर्च संगठनों को भी यह बताएगा कि भविष्य की ज़रूरतें क्या हैं. उद्देश्य स्पष्ट है  आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को सैन्य क्षेत्र में भी पूरा करना.

    यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में कत्लेआम! PAK सेना पर हुआ अटैक तो आसिम मुनीर ने उतारे टैंक...बेगुनाहों का बहा रहे खून