पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. स्वतंत्रता की मांग कर रहे बलूच संगठनों और पाकिस्तानी सेना के बीच टकराव अब खुले सैन्य संघर्ष में तब्दील हो गया है. बीते कुछ दिनों में विद्रोही गुटों द्वारा सेना पर किए गए हमलों के जवाब में अब पाकिस्तान ने बलूचिस्तान की सड़कों पर टैंकों की तैनाती कर दी है.
यह कदम साफ संकेत देता है कि पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख आसिम मुनीर बलूचिस्तान में विरोध की हर आवाज को बलपूर्वक कुचलने की तैयारी में हैं. चाहे इसके लिए नागरिकों की जान ही क्यों न लेनी पड़े.
बलूच कार्यकर्ता बोले पाकिस्तान आतंक फैला रहा है
बलूच आंदोलन के प्रमुख नेता मीर यार बलोच ने शुक्रवार, 5 सितंबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें पाकिस्तानी सेना के टैंक बलूचिस्तान की सड़कों पर गश्त करते नजर आए. वीडियो के साथ उन्होंने लिखा अपने आत्मसमर्पण और अपमान से बौखलाई पाकिस्तानी सेना अब बलूचिस्तान और पश्तूनिस्तान पर कब्जा जमाने के लिए टैंकों के साथ उतर आई है. लेकिन बलूच जनता और उनके सुरक्षा बल पूरी मजबूती से तैयार हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सेना शांतिपूर्ण इलाकों में डर फैलाने के लिए टैंकों और हवाई हमलों का सहारा ले रही है.
हवाई हमलों और नागरिक अपहरण का आरोप
मीर यार बलोच का कहना है कि पाक सेना ने निहत्थे नागरिकों के खिलाफ हवाई हमले किए हैं, अपहरण की घटनाएं बढ़ी हैं और गांवों में दहशत का माहौल बनाया गया है. पाकिस्तानी सत्ता का मकसद बलूचों को डराकर झुकाना है. लेकिन 16 करोड़ बलूच लोगों की इच्छाशक्ति इतनी आसानी से नहीं टूटेगी.
केच में दो पाक सैनिक मारे गए
बलूचिस्तान के केच जिले से भी हिंसा की खबरें आ रही हैं. शुक्रवार को फ्रंटियर कॉर्प्स के दो जवान उस समय मारे गए जब वे गश्त कर रहे थे. हमलावरों की पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन माना जा रहा है कि ये हमला बलूच विद्रोही संगठनों की ओर से किया गया.
बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान सरकार की उपेक्षा, आर्थिक दोहन और राजनीतिक दमन का शिकार रहा है. क्षेत्र में स्वतंत्रता की मांग कर रहे संगठनों का कहना है कि उन्हें बराबरी का अधिकार नहीं दिया गया और अब सरकार पूरी तरह से सैन्य रास्ता अपनाकर इलाके में नियंत्रण बनाए रखना चाहती है. अब जबकि सेना ने टैंक उतार दिए हैं, हालात और गंभीर हो सकते हैं. सवाल उठता है. क्या पाकिस्तान बल से बलूचों की आवाज दबा पाएगा, या ये संघर्ष और भी उग्र रूप लेगा?
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