इंजन ही नहीं 5th जनरेशन के फाइटर जेट भी बना रहा है भारत, DRDO वैज्ञानिक के खुलासे से दुश्मन परेशान!

    भारत की रक्षा क्षमताओं में एक ऐतिहासिक मोड़ आने वाला है. भारत अब न केवल स्वदेशी इंजन बना रहा है, बल्कि एक पूरी तरह से स्वदेशी लड़ाकू विमान (Fighter Jet) विकसित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.

    India is making not only engines but also 5th generation fighter jets
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ X

    नई दिल्ली: भारत की रक्षा क्षमताओं में एक ऐतिहासिक मोड़ आने वाला है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिलीबाबू विजयकुमार ने पुष्टि की है कि भारत अब न केवल स्वदेशी इंजन बना रहा है, बल्कि एक पूरी तरह से स्वदेशी लड़ाकू विमान (Fighter Jet) विकसित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस परियोजना को भारत के एयरोस्पेस इतिहास में गेम-चेंजर माना जा रहा है.

    तमिलनाडु के शिवकाशी में आयोजित हुए यूथ एस्ट्रोनॉमी एंड स्पेस साइंस कांग्रेस (YASSC) 2025 में बोलते हुए डॉ. विजयकुमार ने यह स्पष्ट किया कि भारत की अगली पीढ़ी का लड़ाकू विमान पूरी तरह स्वदेशी होगा, और इस पर काम तेजी से जारी है. इस कार्यक्रम में तमिलनाडु भर से 350 से अधिक छात्रों ने भाग लिया और लगभग 170 टीमों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए.

    उन्होंने छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में करियर चुनने और अनुसंधान में गहराई से उतरने के लिए प्रेरित किया. उनका कहना था कि यही भविष्य में देश को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाएगा.

    AMCA: भारत की 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर

    भारत का अगला बड़ा सैन्य प्रोजेक्ट है - Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA). यह विमान पांचवीं पीढ़ी की तकनीकों से लैस होगा और इसे पूरी तरह से भारत में डिजाइन और विकसित किया जा रहा है. यह अत्याधुनिक लड़ाकू विमान होगा, जो एक साथ कई भूमिकाएं निभाने में सक्षम होगा:

    • सिंगल सीट, लेकिन बेहद उन्नत
    • डुअल इंजन आधारित, अधिक शक्ति और संतुलन के लिए
    • स्टील्थ डिजाइन, जो इसे रडार की नजर से लगभग अदृश्य बनाता है
    • सुपरसोनिक क्रूज़ क्षमता, यानी बिना आफ्टरबर्नर के भी ध्वनि की गति से तेज उड़ान

    DRDO का लक्ष्य है कि 2027 तक इसका पहला उड़ान परीक्षण हो जाए, और 2035 तक 120 विमानों की पहली खेप भारतीय वायुसेना को सौंपी जा सके.

    भारत पहुंचा सुपरपावर क्लब में

    AMCA प्रोजेक्ट भारत को उन गिने-चुने देशों की श्रेणी में ला खड़ा करता है जो स्वदेशी रूप से पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट बना सकते हैं. आज तक केवल अमेरिका, रूस और चीन इस क्षमता वाले देशों में शामिल हैं. पाकिस्तान, जिसे अमेरिका और चीन का करीबी माना जाता है, अभी भी इस तकनीक से कोसों दूर है.

    भारत का यह कदम तकनीकी स्वतंत्रता और सामरिक प्रभुत्व की दिशा में बड़ा कदम है.

    कावेरी 2.0 इंजन: आत्मनिर्भर भारत की उड़ान

    DRDO के अधीन गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) एक नया इंजन विकसित कर रहा है, जिसे कावेरी 2.0 नाम दिया गया है. यह इंजन भारत के अपने फाइटर जेट को चलाने के लिए डिजाइन किया जा रहा है और इसकी कुछ विशेषताएं हैं:

    • टर्बोफैन इंजन तकनीक, जो ऊर्जा कुशल और शक्तिशाली होती है.
    • लगभग 55-58 kN का ड्राई थ्रस्ट (बिना आफ्टरबर्नर).
    • 90 kN से अधिक का थ्रस्ट आफ्टरबर्नर के साथ, जो इसे अमेरिका के GE-F414 इंजन के समकक्ष बनाता है.

    यह इंजन पूरी तरह से भारत में डिजाइन और विकसित किया जा रहा है, जिससे भारत की विदेशी इंजन पर निर्भरता समाप्त हो सकती है.

    AMCA की टेक्नोलॉजी: दुश्मनों की आंखों से दूर

    AMCA के निर्माण में आधुनिकतम एवियोनिक्स, सेंसर फ्यूजन, और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध क्षमताएं होंगी:

    • इंटरनल वेपन बे, जिससे हथियारों को विमान के भीतर छिपाया जा सकेगा.
    • Low Observability (LO) स्टील्थ तकनीक, जो रडार पर इसकी पहचान को मुश्किल बना देगी.
    • AI आधारित निर्णय सहायता प्रणाली, जिससे पायलट को युद्ध के हर पल की सटीक जानकारी मिलेगी.
    • सुपरसोनिक क्रूज, जो बिना आफ्टरबर्नर के भी तेज उड़ान को संभव बनाएगा ईंधन बचत के साथ लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता.

    आत्मनिर्भर सैन्य सपना, अब हकीकत के करीब

    भारत का रक्षा मंत्रालय, DRDO और HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) इस प्रोजेक्ट को देश की रणनीतिक और औद्योगिक आत्मनिर्भरता के प्रतीक के रूप में देख रहे हैं. तेजस जैसे विमान पहले से ही भारतीय वायुसेना की सेवा में हैं और AMCA इस श्रृंखला को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा.

    AMCA का उत्पादन होने के बाद भारत न सिर्फ अपने लिए, बल्कि मित्र देशों के लिए भी लड़ाकू विमानों का निर्यातक बन सकता है.

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