सत्ता संभली नहीं तो लगा दिया आरोप, बांग्लादेश ने भारत को लेकर कही ये बात; विदेश मंत्रालय ने लगाई लताड़

    India on Bangladesh: ढाका की राजनीतिक फिजाओं में उथल-पुथल मचाने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं. बांग्लादेश के कार्यवाहक सरकार प्रमुख मोहम्‍मद यूनुस और उनके सलाहकारों की तरफ से दिए जा रहे बयान अब तर्क से अधिक राजनीति की ओर झुकते नजर आ रहे हैं.

    India Foreign Secretary spokesperson on bangladesh
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    India on Bangladesh: ढाका की राजनीतिक फिजाओं में उथल-पुथल मचाने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं. बांग्लादेश के कार्यवाहक सरकार प्रमुख मोहम्‍मद यूनुस और उनके सलाहकारों की तरफ से दिए जा रहे बयान अब तर्क से अधिक राजनीति की ओर झुकते नजर आ रहे हैं. चुनावों में देरी को लेकर सेना प्रमुख की सार्वजनिक नाराज़गी के बाद यूनुस सरकार लगातार बचाव की मुद्रा में दिख रही है.

    इसी कड़ी में अब यूनुस के प्रमुख सलाहकार मिर्जा फखरुल इस्लाम ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित कर रहा है. लेकिन भारत ने इन आरोपों का सधे हुए मगर मजबूत शब्दों में साफ खंडन कर दिया है.

    भारत ने किया बेबुनियाद आरोपों का पलटवार

    भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी कर कहा कि भारत हमेशा बांग्लादेश की जनता और उसकी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का सम्मान करता रहा है. हम कभी किसी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते. उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा कि जब भारत की नीयत और भूमिका पर सवाल उठाया जाएगा, तो भारत चुप नहीं बैठेगा.

    भारत को ‘बाहरी ताकत’ बताकर समर्थन जुटाने की सियासत

    विश्लेषकों का मानना है कि यूनुस सरकार अपने घरेलू मोर्चे की कमजोरी को छिपाने के लिए भारत को टारगेट कर रही है. भारत को ‘बाहरी हस्तक्षेपकर्ता’ की छवि देकर वे लोगों की सहानुभूति बटोरना चाहते हैं. लेकिन भारत का जवाब अब सिर्फ डिप्लोमैटिक डिस्क्लेमर नहीं बल्कि नई विदेश नीति की मुखरता को दर्शाता है जो ज़रूरत पड़ने पर तथ्यों के साथ जवाब देना जानती है.

    नरम लहजे से बाहर आ रहा है भारत

    इस पूरे विवाद से यह बात साफ होती है कि भारत अब केवल सॉफ्ट स्पोकन डिप्लोमेसी पर निर्भर नहीं रहना चाहता. भारत अपनी छवि एक ऐसे राष्ट्र की बना रहा है, जो शांति और संप्रभुता की रक्षा करता है, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर साफ, तथ्य आधारित और संतुलित जवाब देने से पीछे नहीं हटता. बांग्लादेश की सत्ता को लेकर चल रही अंदरूनी रस्साकशी में भारत को घसीटना एक राजनीतिक हथकंडा मात्र है, जिसे भारत ने संयमित भाषा में किनारे कर दिया.

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