बड़ी कामयाबी! मलेरिया की पहली भारतीय वैक्सीन तैयार, प्राइवेट कंपनी के साथ डील करेगा ICMR

    India Malaria Vaccine: भारत में बरसात के मौसम में मलेरिया और डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों का खतरा हमेशा बढ़ जाता है. मलेरिया, जो मच्छरों के द्वारा फैलता है, एक गंभीर बीमारी है और कई बार इससे होने वाली जटिलताओं से व्यक्ति की जान भी जा सकती है. हालांकि, अब इस समस्या का समाधान भारतीय वैज्ञानिकों ने ढूंढ लिया है.

    india first malaria vaccine icmr will tie up with private company for production
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    India Malaria Vaccine: भारत में बरसात के मौसम में मलेरिया और डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों का खतरा हमेशा बढ़ जाता है. मलेरिया, जो मच्छरों के द्वारा फैलता है, एक गंभीर बीमारी है और कई बार इससे होने वाली जटिलताओं से व्यक्ति की जान भी जा सकती है. हालांकि, अब इस समस्या का समाधान भारतीय वैज्ञानिकों ने ढूंढ लिया है. भारत ने मलेरिया के खिलाफ पहला स्वदेशी वैक्सीन तैयार किया है, जिससे इस बीमारी पर नियंत्रण पाना आसान हो सकता है.

    नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (RMRC) के वैज्ञानिकों ने मिलकर इस टीके को तैयार किया है. इस वैक्सीनेशन से न केवल मलेरिया संक्रमण को रोका जाएगा, बल्कि इसके फैलने के खतरे को भी कम किया जाएगा. ICMR ने बताया कि इस वैक्सीन को एडफाल्सीवैक्स नाम दिया गया है और इसे प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर प्रोडक्शन के लिए डील की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

    वैक्सीनेशन का तरीका और असर

    मलेरिया के खिलाफ अब तक जिन टीकों का इस्तेमाल किया गया है, वे सीमित प्रभावी रहे हैं. वर्तमान में उपलब्ध दो टीकों की कीमत लगभग 800 रुपये प्रति खुराक है और ये टीके 33 से 67 प्रतिशत तक ही असरदार साबित हुए हैं. वहीं, भारत का यह स्वदेशी टीका अधिक प्रभावी साबित हो सकता है. यह वैक्सीन शरीर में ऐसे एंटीबॉडीज का निर्माण करती है जो मलेरिया के संक्रमण को रोकने में सक्षम होते हैं.

    वैक्सीनेशन का शोध और परीक्षण

    यह टीका ICMR के नेशनल मलेरिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर तैयार किया गया है. प्री क्लिनिकल वैलिडेशन के दौरान, वैज्ञानिकों ने पाया कि यह टीका काफी प्रभावी और सुरक्षित है. RMRC के सीनियर साइंटिस्ट, डॉ. सुशील सिंह के अनुसार, इस वैक्सीन के द्वारा शरीर में शक्तिशाली एंटीबॉडी बनते हैं जो मलेरिया के संक्रमण को फैलने से रोकते हैं.

    आने वाले समय में उम्मीद

    इस नई स्वदेशी वैक्सीन की सफलता से मलेरिया पर काबू पाना संभव हो सकता है. यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मलेरिया का खतरा सबसे अधिक है. आने वाले समय में यह वैक्सीनेशन लोगों को मलेरिया से सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

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