नई दिल्ली: ढाका के माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज में हुए विमान हादसे के बाद भारत ने मानवीय सहायता की मिसाल पेश की है. हादसे में गंभीर रूप से झुलसे लोगों की चिकित्सा में सहयोग देने के लिए भारत ने डॉक्टरों, नर्सों और जरूरी मेडिकल उपकरणों की एक टीम बांग्लादेश रवाना की है. विदेश मंत्रालय ने इसे भारत-बांग्लादेश के बीच मजबूत संबंधों और पड़ोसी धर्म की एक मिसाल बताया है.
भारत से भेजी गई विशेषज्ञ मेडिकल टीम
दिल्ली से एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने जानकारी दी कि भारत ने बर्न ट्रीटमेंट में विशेषज्ञ दो डॉक्टर और नर्सों की टीम को ढाका भेजा है. इनके साथ विशेष बर्न केयर उपकरण और जरूरी संसाधन भी भेजे गए हैं. जरूरत पड़ी तो और मेडिकल स्टाफ भी भेजे जाएंगे.
भारत की यह मेडिकल टीम ढाका पहुंचकर हादसे में घायल लोगों की हालत का आकलन करेगी और इलाज से जुड़े सुझाव देगी. साथ ही, गंभीर मरीजों को भारत लाकर विशेष देखभाल देने की संभावनाओं पर भी विचार किया जाएगा.
भारतीय उच्चायोग ने भी की सक्रिय पहल
ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने भी हादसे के तुरंत बाद बांग्लादेश सरकार से संपर्क किया और हरसंभव चिकित्सा सहायता की पेशकश की. उच्चायोग ने कहा है कि घायलों की जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी और भारत उनकी हर संभव मदद करेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि भारत इस कठिन समय में बांग्लादेश के साथ खड़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत हर प्रकार की मदद के लिए तैयार है और यह मानवता का मामला है, न कि केवल कूटनीति का.
हादसा कैसे हुआ?
बांग्लादेश की वायुसेना का एफ-7 बीजीआई ट्रेनिंग जेट सोमवार को दोपहर 1:06 बजे उड़ान भरने के बाद तकनीकी खराबी का शिकार हो गया और ढाका के उत्तरा इलाके में स्थित माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज की इमारत से टकरा गया. इस दुर्घटना में कई लोग झुलस गए, जिनमें से कुछ की हालत नाज़ुक बताई जा रही है.
सरकार की आलोचना के बाद हटा फेसबुक पोस्ट
हादसे के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद युनूस को भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने जनता से आर्थिक सहायता की अपील करते हुए एक फेसबुक पोस्ट डाली थी, जिसे सोशल मीडिया पर भारी आलोचना के बाद हटा दिया गया.
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