जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस हमले में भारत ने अपने 26 जवानों को खो दिया, और तभी से देश में बदले की भावना प्रबल है. पाकिस्तान को अब यह भय सताने लगा है कि भारत देर-सवेर इस हमले का कड़ा जवाब देगा. यही वजह है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेचैनी और घबराहट में नजर आ रहा है.
हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि पाकिस्तान अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की शरण में पहुंच गया है. हाल ही में हुई एक क्लोज़्ड डोर बैठक में पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर राग छेड़ा और खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश की. पाकिस्तान ने UNSC से कहा कि उसे भारत से खतरा है और भारत किसी भी वक्त सैन्य कार्रवाई कर सकता है. उसने UNSC से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि "क्षेत्रीय शांति" बनी रहे.
पाकिस्तान ने न सिर्फ खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताया, बल्कि यह भी मांग रखी कि पहलगाम आतंकी हमले की न्यूट्रल जांच करवाई जाए. यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने साफ तौर पर हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों पर डाली है.
बदले की आशंका से परेशान पाकिस्तान की चालें
UNSC की बैठक में पाकिस्तान ने भारत की सैन्य तैयारियों का मुद्दा भी उठाया. उसका कहना था कि 23 अप्रैल को भारत की एकतरफा गतिविधियों ने तनाव को और बढ़ाया है. पाकिस्तान ने इस दौरान खुद को शांति प्रिय देश बताया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर स्थिति से निपटने को तैयार है.
इस बैठक में पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि का मुद्दा भी उठाया और भारत द्वारा समझौते के निलंबन की संभावनाओं को एक गंभीर “आक्रामकता” बताया. पाकिस्तान ने कहा कि "पानी को हथियार" की तरह इस्तेमाल करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है.
पुराने आरोप और नया नाटक
पाकिस्तान ने अपने पुराने दावों को दोहराते हुए कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग भी फिर से रखी. साथ ही भारत पर मानवाधिकार हनन के आरोप लगाए और कहा कि कश्मीर विवाद का हल न होना ही क्षेत्रीय अस्थिरता की जड़ है. यह सब कुछ उस घबराहट का परिणाम है जो भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान के भीतर साफ झलक रही है.
भारत की सख्त छवि से घबराया इस्लामाबाद
पाकिस्तान, जो वर्षों से आतंकियों को पनाह देता रहा है, अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को आतंकवाद के खिलाफ योद्धा साबित करने में जुटा है. उसने दावा किया कि वह भारत सहित सभी पड़ोसी देशों से शांतिपूर्ण संबंध चाहता है और बातचीत के लिए तैयार है. पाकिस्तान का यह रुख इस ओर इशारा करता है कि वह भारत के प्रतिशोध से डरा हुआ है. UNSC में वह अब चाह रहा है कि कोई तीसरी ताकत दोनों देशों के बीच "शांति स्थापना" में हस्तक्षेप करे.
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