बैंकॉक: भारत और थाईलैंड ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के बीच हुई वार्ता के बाद दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक विस्तार देने पर सहमति जताई. इस मुलाकात में व्यापार, डिजिटल टेक्नोलॉजी, पर्यटन, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग सहित कई अहम विषयों पर चर्चा हुई और कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
डिजिटल टेक्नोलॉजी और व्यापार में सहयोग
भारत और थाईलैंड के बीच डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता हुआ. इस समझौते पर भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और थाईलैंड के डिजिटल अर्थव्यवस्था एवं समाज मंत्रालय के बीच हस्ताक्षर किए गए. इसके अलावा, दोनों देशों ने एमएसएमई क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत के राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) और थाईलैंड के लघु और मध्यम उद्यम संवर्धन कार्यालय (ओएसएमईपी) के बीच समझौता किया.
समुद्री विरासत और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
भारत और थाईलैंड के बीच समुद्री विरासत और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ. भारत के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के सागरमाला डिविजन और थाईलैंड के संस्कृति मंत्रालय के ललित कला विभाग के बीच एक समझौता किया गया, जिसका उद्देश्य गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के विकास को गति देना है. इससे दोनों देशों के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध और मजबूत होंगे.
पीएम मोदी का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वार्ता के बाद अपने संबोधन में कहा, "भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति और थाईलैंड की 'एक्ट वेस्ट' नीति परस्पर पूरक हैं, और ये दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा में ले जाने में सहायक होंगी. हमने व्यापार, निवेश, एमएसएमई, हथकरघा और हस्तशिल्प के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है."
रक्षा और सुरक्षा में आपसी सहयोग
रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी भारत और थाईलैंड ने अपने संबंधों को और मजबूत करने का निर्णय लिया. समुद्री सुरक्षा, जल विज्ञान और आतंकवाद जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने की सहमति बनी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमने आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर अपराध जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया."
आर्थिक सहयोग के नए आयाम
दोनों देशों ने नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ई-व्हीकल, रोबोटिक्स, अंतरिक्ष और स्टार्टअप्स में सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया. इसके अलावा, भौतिक संपर्क के साथ-साथ फिनटेक संपर्क को बढ़ाने के प्रयासों पर भी चर्चा हुई.
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