जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष हिंदुओं की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं. दोनों देशों के बीच लंबे समय से चला आ रहा टकराव अब एक बार फिर युद्ध की ओर बढ़ता नजर आ रहा है. जहां भारत की सैन्य तैयारी और आर्थिक स्थिति पहले से कहीं अधिक सशक्त है, वहीं पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था और सीमित संसाधन उसकी स्थिति को और नाजुक बना रहे हैं.
भारत का सैन्य गोला-बारूद स्टॉक: अब कहीं अधिक तैयार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के पास अब ‘लेवल 40 (I)’ का गोला-बारूद है, जिसका अर्थ है कि देश पूरी तरह युद्ध की स्थिति में लगातार 40 दिन तक लड़ाई जारी रख सकता है. जबकि 2017 में CAG की रिपोर्ट में यह आंकड़ा सिर्फ 10 दिन का था. इस समय भारत अपनी सैन्य आवश्यकताओं का 88% गोला-बारूद खुद बना रहा है. 175 प्रकार के गोला-बारूद में से 154 को भारत अब स्वदेशी तकनीक से तैयार कर रहा है.
KPMG और FICCI की 2024 की रिपोर्ट ‘Ammo India 2024’ के अनुसार, भारत का गोला-बारूद निर्यात भी बढ़ा है. 2023-24 में भारत ने 837 करोड़ रुपए का गोला-बारूद खरीदा, जबकि 1,230 करोड़ रुपए का निर्यात किया.
पाकिस्तान की स्थिति: 7 दिन की लड़ाई का स्टॉक और भारी आर्थिक दबाव
मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि पाकिस्तान के पास भीषण युद्ध की स्थिति में केवल 7 दिन तक लड़ने भर का गोला-बारूद है. इसके अलावा, पाकिस्तान की आर्थिक हालत इतनी जर्जर है कि युद्ध के अन्य खर्च जैसे ईंधन, लॉजिस्टिक्स और रखरखाव भी उसके लिए एक बड़ी चुनौती हैं. जुलाई 2023 में पाकिस्तान ने सालभर के सभी सैन्य अभ्यास रद्द कर दिए थे, जिसकी वजह फ्यूल और लुब्रिकेंट्स की भारी कमी थी.
जंग का खर्च: भारत और पाकिस्तान में कितना फर्क?
1999 के कारगिल युद्ध में भारत ने रोजाना लगभग ₹1,400 करोड़ खर्च किए थे, जबकि पाकिस्तान केवल ₹370 करोड़ खर्च कर पाया था. आज के संदर्भ में, अनुमान है कि भारत फुल स्केल युद्ध की स्थिति में प्रतिदिन ₹1,500 से ₹2,000 करोड़ तक खर्च कर सकता है, वहीं पाकिस्तान की क्षमता ₹400 से ₹600 करोड़ प्रतिदिन तक सीमित मानी जा रही है.
भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था उसे फॉरेक्स रिजर्व, ऋण या इमरजेंसी फंडिंग के जरिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने की क्षमता देती है — जो पाकिस्तान के लिए फिलहाल असंभव है.
आर्थिक तुलना: भारत स्पष्ट बढ़त में
2024 में भारत की प्रति व्यक्ति आय पाकिस्तान से 1.7 गुना अधिक रही. भारत में यह आंकड़ा ₹2.26 लाख प्रति वर्ष था, जबकि पाकिस्तान में केवल ₹1.32 लाख. इसके अलावा, महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान में डीजल की कीमत ₹280 प्रति लीटर से ऊपर जा चुकी है, जो उसकी आर्थिक बदहाली को दर्शाता है.
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इसके अतिरिक्त, भारत के पास रूस से प्राप्त S-400 एयर डिफेंस सिस्टम है, जो दुश्मन की मिसाइल को हवा में ही मार गिरा सकता है — यह पाकिस्तान के पास नहीं है.
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