'कश्मीर मुद्दा हल नहीं हुआ तो फिर कुछ हो जाएगा', पाकिस्तान ने पहलगाम जैसा हमला दोहराने की दी धमकी

    पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में आई तल्खी थमने का नाम नहीं ले रही है. जहां भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटा रहा है, वहीं पाकिस्तान के राजनयिकों की ओर से आ रहे बयानों ने तनाव को और अधिक हवा दे दी है.

    If Kashmir issue is not resolved then something will happen Pakistan threatens to repeat Pahalgam-like attack
    ब्रिटेन में पाकिस्तान के उच्चायुक्त मोहम्मद फैसल/Photo- Internet

    इस्लामाबाद: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में आई तल्खी थमने का नाम नहीं ले रही है. जहां भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटा रहा है, वहीं पाकिस्तान के राजनयिकों की ओर से आ रहे बयानों ने तनाव को और अधिक हवा दे दी है. अब ब्रिटेन में पाकिस्तान के उच्चायुक्त मोहम्मद फैसल ने एक साक्षात्कार में दिए गए बयान में अप्रत्यक्ष रूप से भारत को चेताया है कि जब तक कश्मीर मुद्दा हल नहीं होता, तब तक "ऐसी घटनाएं दोहराई जा सकती हैं."

    बयान जिसने खड़े किए कई सवाल

    बीबीसी से बातचीत में मोहम्मद फैसल ने कहा, "पहलगाम जैसी घटनाएं तब तक होती रहेंगी जब तक कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं निकलता. हमें घटनाओं को सतही तौर पर नहीं देखना चाहिए, बल्कि समस्या की जड़ में जाना चाहिए." उन्होंने भारत पर यह आरोप भी लगाया कि वह पाकिस्तान पर बिना ठोस सबूत के आरोप मढ़ रहा है, जबकि सच्चाई की जांच के लिए पाकिस्तान तैयार है.

    उनके इस बयान को भारत में कई हलकों में परोक्ष धमकी के रूप में देखा जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक शिष्टाचार की सीमाओं को पार कर चुका है. भारत में इस बयान की तीखी प्रतिक्रिया सामने आने की संभावना है, खासकर तब जब हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई और पूरे देश में दुख और आक्रोश की लहर है.

    कश्मीर पर केंद्रित हो रहा है पाकिस्तान

    मोहम्मद फैसल का यह बयान उस प्रवृत्ति का हिस्सा है जिसमें पाकिस्तान, हर आतंकी घटना के बाद "कश्मीर विवाद" को उसका आधार बताने की कोशिश करता है. इससे पहले अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रिजवान सईद शेख ने भी फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कश्मीर को भारत-पाक रिश्तों का "परमाणु फ्लैशप्वाइंट" बताते हुए इसे वैश्विक खतरा करार दिया था.

    रिजवान शेख ने कहा, "अगर कश्मीर को हल नहीं किया गया तो भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कभी खत्म नहीं हो सकता. वैश्विक समुदाय को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर मध्यस्थता करे."

    भारत की प्रतिक्रिया

    भारत सरकार के सूत्रों ने पाकिस्तानी राजनयिक के इन बयानों को "जिम्मेदारी से परे और भड़काऊ" बताया है. विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "आतंकवाद को किसी राजनीतिक या भौगोलिक विवाद से जोड़ना न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि आतंकियों को नैतिक समर्थन देना है."

    भारत ने एक बार फिर दोहराया है कि वह कश्मीर को अपना आंतरिक मामला मानता है और पाकिस्तान द्वारा उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उछालने की हर कोशिश नाकाम की जाएगी.

    वैश्विक समुदाय की भूमिका

    संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने दोनों देशों से संयम बरतने और सीधी सैन्य टकराव से बचने की अपील की है. हालांकि, इन बयानों में भी आतंकवाद को लेकर स्पष्ट निंदा की कमी भारत की कूटनीतिक चुनौतियों को दर्शाती है.

    अमेरिकी विदेश विभाग ने कश्मीर को लेकर कोई सीधी टिप्पणी करने से बचते हुए सिर्फ "स्थायी शांति और बातचीत" की वकालत की है.

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