मेघालय पुलिस ने व्यवसायी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. यह केस न सिर्फ जघन्य हत्या का है, बल्कि इसमें धोखा, साजिश और कई प्रयासों की कहानी छिपी हुई है.
राजा रघुवंशी, एक व्यापारी जिनकी शादी इसी साल 11 मई को इंदौर की सोनम से हुई थी, उनकी हत्या ने पूरे देश को चौंका दिया. यह हत्या अचानक नहीं हुई थी, बल्कि एक योजनाबद्ध साजिश के तहत की गई. पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने मामले की गहराई से जांच करने के बाद जो चार्जशीट दाखिल की है, उससे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
हत्या के पीछे पत्नी और प्रेमी की साजिश
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि राजा की पत्नी सोनम और उसका कथित प्रेमी राज कुशवाहा ही इस पूरे मर्डर प्लान के मास्टरमाइंड थे. दोनों की नज़दीकियां शादी के बाद भी जारी थीं और शादी के चंद दिन बाद ही उन्होंने राजा को रास्ते से हटाने की योजना बनाना शुरू कर दिया था.
चार्जशीट के अनुसार, सोनम और राज ने पहले भी तीन बार राजा की हत्या की कोशिश की थी, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से विफल रहे. आखिरकार, चौथी कोशिश में वे सफल हो गए.
कैसे रची गई हत्या की साजिश?
राजा और सोनम की शादी 11 मई को हुई थी. शादी के महज 9 दिन बाद, 20 मई को दोनों मेघालय की राजधानी शिलांग पहुंचे. वहां से वे सोहरा (चेरापूंजी) घूमने के लिए रवाना हुए.
23 मई को, जब दोनों नोंग्रियात होमस्टे से चेकआउट कर रहे थे, उस समय तक हत्या की साजिश पूरी तरह तैयार हो चुकी थी. सोनम और राज कुशवाहा ने तीन शूटर- विशाल सिंह चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी को हत्या के लिए तैयार किया था.
वेई सवडोंग वॉटरफॉल्स के पास, एक सुनसान जगह पर तीनों ने धारदार हथियारों से राजा पर हमला कर दिया. सोनम उस वक्त घटनास्थल पर मौजूद थी, लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया. हमले के बाद राजा का शव एक गहरी खाई में फेंक दिया गया.
लापता से हत्या तक: पुलिस की छानबीन
जब राजा रघुवंशी लापता हुए, तो पहले इसे एक सामान्य गुमशुदगी का मामला माना गया. लेकिन जल्द ही परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस को शक हुआ.
लगातार तलाशी अभियान चलाए गए और करीब 10 दिन बाद, 2 जून को राजा का शव वेई सवडोंग फॉल्स के पास एक खाई से बरामद हुआ. शव की हालत से स्पष्ट था कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सोची-समझी हत्या थी.
गिरफ्तारियां और सबूतों की पुष्टि
हत्या की पुष्टि के बाद, पुलिस की विशेष जांच टीम ने तेज़ी से कार्रवाई शुरू की. सोनम, राज कुशवाहा और तीनों हत्यारों को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया.
इसके अलावा तीन और लोग- सिलोम जेम्स (प्रॉपर्टी डीलर), लोकेन्द्र तोमर (फ्लैट मालिक) और बलबीर अहिरवार (सिक्योरिटी गार्ड) को भी पकड़ा गया. इन पर आरोप है कि इन्होंने साजिश रचने वालों की मदद की और सबूत मिटाने में योगदान दिया.
हालांकि ये तीनों अब ज़मानत पर बाहर हैं.
चार्जशीट में लगे गंभीर आरोप
मेघालय पुलिस ने इस केस में 790 पन्नों की चार्जशीट सोहरा कोर्ट में दाखिल की है. इसमें भारतीय दंड संहिता की निम्नलिखित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं:
मुख्य आरोपी हैं:
परिवार की प्रतिक्रिया: न्याय की माँग
राजा रघुवंशी के भाई, विपिन रघुवंशी ने पुलिस की चार्जशीट को अहम कदम बताया. उन्होंने कहा, "हमें अभी चार्जशीट मिली नहीं है, लेकिन मैं खुद मेघालय जाकर इसकी कॉपी पढ़ूंगा. हम उम्मीद करते हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, उन्हें फांसी दी जानी चाहिए."
विपिन ने यह भी आरोप लगाया कि सोनम का भाई गोविंद पहले परिवार के साथ था और न्याय की बात कर रहा था, लेकिन अब वह जेल में सोनम से संपर्क में है. उन्होंने इसे "विश्वासघात" बताया.
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