Raksha bandhan 2025: भारतीय त्योहारों की बात करें तो हर पर्व किसी न किसी सामाजिक या सांस्कृतिक संदेश को साथ लेकर आता है. इन्हीं में से एक है रक्षाबंधन, जो भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के रिश्ते को समर्पित है. यह केवल राखी बांधने की रस्म नहीं, बल्कि भावनाओं का उत्सव है. श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व आज भी उतनी ही आस्था और श्रद्धा से मनाया जाता है, जितना सदियों पहले किया जाता था. आइए, जानते हैं रक्षाबंधन से जुड़ी कुछ पौराणिक कथाएं और इसका ऐतिहासिक महत्व.
इंद्राणी ने बांधा था पहला रक्षासूत्र
भविष्य पुराण के अनुसार, एक बार देवताओं और असुरों के बीच भीषण युद्ध हो रहा था. देवताओं की हार होती जा रही थी और इंद्र भयभीत हो गए. तब इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने एक पवित्र रेशमी धागे को मंत्रों से अभिमंत्रित कर इंद्र की कलाई पर बांधा. इस रक्षासूत्र की शक्ति से इंद्र को विजय प्राप्त हुई. यह घटना रक्षाबंधन की शुरुआत मानी जाती है, जहां एक स्त्री ने अपने प्रिय की रक्षा के लिए रक्षा-सूत्र बांधा.
जब लक्ष्मी ने राजा बलि को बनाया भाई
भागवत पुराण के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर दानवीर राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी और उसके बदले पाताल लोक भेज दिए गए, तब वे बलि की भक्ति से प्रसन्न होकर वहीं निवास करने लगे. इससे देवी लक्ष्मी चिंतित हो गईं. उन्होंने एक सामान्य स्त्री का रूप धारण कर बलि को राखी बांधी और उसे भाई बना लिया. बदले में, उन्होंने भगवान विष्णु को वापस वैकुंठ ले जाने का वचन मांगा. राजा बलि ने वचन निभाया और यह पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक बन गया.
रानी कर्णावती और हुमायूं: एक ऐतिहासिक मिसाल
मध्यकालीन भारत की एक प्रसिद्ध घटना में, मेवाड़ की रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजी जब बहादुर शाह ने उनके राज्य पर हमला किया. हुमायूं ने राखी की लाज रखते हुए रानी की रक्षा के लिए युद्ध किया. यह प्रसंग हिन्दू-मुस्लिम एकता और भाईचारे की मिसाल बन गया.
रक्षाबंधन का वर्तमान में महत्व
आज के समय में, रक्षाबंधन का स्वरूप आधुनिक हो गया है लेकिन इसकी भावना आज भी वही है. बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए उसकी कलाई पर राखी बांधती है, और भाई जीवनभर उसकी रक्षा का संकल्प लेता है. यह पर्व दूर रहने वाले परिवारजनों को भी जोड़ता है, एक-दूसरे से मिलने और साथ समय बिताने का बहाना बनता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. भारत 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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