Action On Khalistani: ब्रिटेन सरकार ने पहली बार अपनी घरेलू आतंकवाद निरोधक वित्तीय व्यवस्था का उपयोग करते हुए खालिस्तान समर्थक समूह बब्बर खालसा से जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं पर बड़ी कार्रवाई की है. यह कदम ऐसे समय आया है जब लंदन लगातार विदेशी चरमपंथी गतिविधियों पर नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.
यूके ट्रेज़री ने गुरुवार को घोषणा की कि गुरप्रीत सिंह रेहल, जो ‘पंजाब वॉरियर्स’ नामक एक खेल निवेश कंपनी से जुड़े हैं, के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है.
उन पर संदेह है कि वे भारत में सक्रिय खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराने में शामिल रहे हैं. सरकार ने स्पष्ट किया है कि रेहल की संपत्तियां फ्रीज़ की जा सकती हैं, और उन्हें ब्रिटेन में किसी भी कंपनी के निदेशक पद पर रहने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है.
Breaking:
— Sidhant Sibal (@sidhant) December 6, 2025
UK's strong actions on Khalistani extremists/terror links
Annouces freezing of assets of Gurpreet Singh Rehal, & Babbar Akali Lehar group over links with Khalistani terror group Babbar Khalsa pic.twitter.com/kdDu9gQIqr
'बब्बर अकाली लहर' पर भी कसा गया शिकंजा
सरकार ने न केवल रेहल पर, बल्कि बब्बर अकाली लहर नामक संगठन पर भी कार्रवाई की है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह बब्बर खालसा की विचारधारा को ब्रिटेन में बढ़ावा देता है. अब इस संस्था को मिलने वाले फंड और उसकी संपत्तियां भी सरकारी नियंत्रण में आ सकती हैं.
ब्रिटेन की वित्त मंत्री लूसी रिग्बी ने कहा कि सरकार आतंकवाद या चरमपंथ से जुड़े किसी भी आर्थिक नेटवर्क को खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी. उन्होंने कहा, “हम अपनी वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग करने वाले किसी भी नेटवर्क को खुली छूट नहीं देंगे. यह कार्रवाई दिखाती है कि ब्रिटेन आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करेगा.”
भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक सफलता
भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई ब्रिटेन में लंबे समय से सक्रिय खालिस्तानी फंडिंग नेटवर्क पर बड़ी चोट है. लंदन में बैठे ऐसे कई संस्थान और व्यक्ति भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर थे.
सूत्रों का मानना है कि यूके के इस निर्णय से भारत में अस्थिरता फैलाने वाले तत्वों को मिलने वाली वित्तीय मदद पर बड़ा असर पड़ेगा. इस घोषणा के तुरंत बाद 'पंजाब वॉरियर्स' और 'मोरेकांबे एफसी' ने रेहल से सभी संबंध खत्म करने की घोषणा भी कर दी.
ब्रिटेन में ‘ऑपरेशन इक्वलाइज’, 171 अवैध कामगार गिरफ्तार
खालिस्तानी फंडिंग पर कार्रवाई के साथ ही ब्रिटेन ने अवैध रूप से काम करने वालों के खिलाफ भी बड़े स्तर पर अभियान चलाया. यूके होम ऑफिस के अनुसार, नवंबर में सात दिन तक चलाए गए ‘ऑपरेशन इक्वलाइज’ में 171 लोग गिरफ्तार किए गए, जिनमें भारतीय, बांग्लादेशी और चीनी नागरिक भी शामिल थे. यह अभियान उन लोगों के खिलाफ था जो गांवों, कस्बों और शहरों में सामान डिलिवर करने का काम कर रहे थे, लेकिन उनके पास वैध कागजात नहीं थे.
भारतीय नागरिक भी गिरफ्त में, कई को देश भेजने की प्रक्रिया शुरू
सरकारी बयान के मुताबिक 17 नवंबर को न्यूहैम, पूर्वी लंदन हाई स्ट्रीट इलाके में तलाशी अभियान के दौरान चार लोगों (बांग्लादेशी और भारतीय नागरिक) को अवैध रूप से काम करते पकड़ा गया. चारों को हिरासत में लेकर वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
साथ ही 25 नवंबर को नॉर्विच सिटी सेंटर में डिलिवरी कर्मियों की जांच के दौरान तीन भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया. दो को वापस भेजने के लिए हिरासत में लिया गया. हालांकि, तीसरे व्यक्ति को सख्त आव्रजन ज़मानत पर छोड़ा गया. यह कार्रवाई बताती है कि ब्रिटेन अब न केवल आतंकी समूहों पर, बल्कि अवैध रोजगार और आव्रजन उल्लंघनों पर भी तेजी से कार्रवाई कर रहा है.
यह भी पढ़ें- रोबो-Dog बने मस्क और जुकरबर्ग, करने लगे अजीबो गरीब हरकतें; VIDEO वायरल