लगभग दो वर्षों से जारी गाजा संघर्ष के बीच एक बड़ी कूटनीतिक पहल ने युद्धविराम की संभावनाएं मजबूत कर दी हैं. फिलिस्तीनी संगठन हमास ने मिस्र और कतर द्वारा पेश किए गए नए युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.
हालांकि, इजरायल की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. अगर इजरायल भी इस प्रस्ताव को मान लेता है, तो लंबे समय से जारी हिंसा पर विराम लग सकता है.
हमास ने बिना शर्त मानी सुलह की बात
एक वरिष्ठ हमास प्रतिनिधि ने समाचार एजेंसी एएफपी को जानकारी दी कि संगठन ने प्रस्ताव को बिना किसी संशोधन के स्वीकार कर लिया है. इस प्रस्ताव के तहत 60 दिनों का युद्धविराम लागू होगा, जिसमें हमास द्वारा कम से कम 10 जीवित इजरायली बंधकों को रिहा किया जाएगा और कुछ मृतकों के शव भी लौटाए जाएंगे. सूत्रों के अनुसार, प्रस्ताव के औपचारिक ऐलान के बाद वार्ता शुरू करने की तिथि तय की जाएगी.
इजरायल में युद्ध के खिलाफ सड़कों पर उतरे नागरिक
यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब इजरायल के भीतर युद्धविरोधी लहर तेज़ हो रही है. हजारों प्रदर्शनकारी, जिनमें बंधकों के परिजन भी शामिल हैं, युद्ध समाप्त करने और समझौते के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं. रविवार को हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन को हालिया महीनों का सबसे बड़ा विरोध माना जा रहा है. आयोजकों के मुताबिक, देशभर से लाखों लोगों ने इसमें हिस्सा लिया और राजधानी सहित कई शहरों में देश बंद जैसा माहौल देखा गया.
बंधकों की सुरक्षा पर बढ़ती चिंता
गाजा के भीतरी इलाकों में नए सैन्य अभियान की योजनाओं को लेकर इजरायल में चिंता का माहौल है. कई नागरिकों को डर है कि सैन्य हमलों की आड़ में जो बंधक अभी जीवित हैं, उनकी जान को ख़तरा हो सकता है. अनुमानों के अनुसार, गाजा में करीब 50 बंधक अभी भी मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 20 के जीवित होने की संभावना जताई जा रही है. इजरायल के कुछ पूर्व सैन्य और खुफिया अधिकारियों ने भी अब युद्धविराम की आवश्यकता पर जोर दिया है.
गाजा में भयावह मानव क्षति
इजरायल और हमास के बीच अक्टूबर 2023 से जारी संघर्ष ने गाजा को गहरे मानवीय संकट में धकेल दिया है. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 62,004 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 1,56,230 से अधिक लोग घायल हुए हैं. इनमें से 1,965 नागरिक ऐसे हैं, जो सहायता एजेंसियों से मदद लेने की कोशिश करते समय या सहायता वितरण स्थलों के पास मारे गए.
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