नई दिल्ली: स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम तेजस Mk-1A की डिलीवरी पर विराम अब अमेरिकी सहयोगी GE एयरोस्पेस की ओर से इंजन की समय पर आपूर्ति न होने के चलते लगा है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अध्यक्ष डी.के. सुनील ने जानकारी दी है कि 6 तेजस Mk-1A विमान बनकर तैयार हैं, लेकिन इंजन की अनुपलब्धता के कारण वायुसेना को सौंपे नहीं जा सके हैं.
HAL की यह प्रतिक्रिया भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह की हालिया सार्वजनिक टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने इस देरी को ‘चिंताजनक’ करार दिया था.
GE की सुस्ती से जेट डिलीवरी में बाधा
HAL प्रमुख ने एक इंटरव्यू में बताया, “2023 में GE को F404 इंजन सप्लाई करने थे, लेकिन अब तक केवल एक इंजन ही मिला है. हमारे पास छह तैयार विमान हैं, लेकिन इंजन के बिना उन्हें उड़ाया नहीं जा सकता.”
उन्होंने स्पष्ट किया कि HAL अपनी तय समयसीमा के अनुरूप उत्पादन कर रहा है, और यह देरी GE की ओर से आपूर्ति में रुकावट के कारण हुई है — जिसकी वजह कोविड-काल की शिथिलता और GE के तकनीकी स्टाफ में बदलाव बताए जा रहे हैं.
2026 तक डिलीवरी की उम्मीद
GE के साथ हुए समझौतों और बातचीत के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च 2026 तक HAL को 12 जेट इंजन प्राप्त हो जाएंगे, जिससे वायुसेना को पहला बैच सौंपा जा सकेगा.
HAL ने कहा है कि वह 2025-26 के दौरान 16 तेजस Mk-1A जेट का निर्माण करने को तैयार है, बशर्ते इंजन की आपूर्ति स्थिर बनी रहे.
प्रोजेक्ट की पृष्ठभूमि और रणनीतिक महत्व
भारत सरकार ने फरवरी 2021 में 83 तेजस Mk-1A फाइटर जेट्स के लिए HAL के साथ करीब ₹48,000 करोड़ का समझौता किया था. अब रक्षा मंत्रालय इस संख्या को 97 तक बढ़ाकर कुल 67,000 करोड़ रुपये की खरीद योजना पर काम कर रहा है.
तेजस Mk-1A, भारतीय वायुसेना के पुराने हो चुके MiG-21 विमानों की जगह लेगा. यह विमान न सिर्फ स्वदेशी रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि भारतीय वायुसेना की घटती स्क्वाड्रन संख्या को पुनर्जीवित करने में भी सहायक है.
तेजस Mk-1A: क्यों है ये जेट खास?
HAL प्रमुख सुनील के अनुसार तेजस Mk-1A एक अत्याधुनिक मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है, जिसमें निम्नलिखित क्षमताएं हैं:
इसकी क्षमताएं इसे आधुनिक हवाई युद्ध के लिए पूरी तरह सक्षम बनाती हैं, खासकर भारत के पड़ोस में तेजी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य के बीच.
निर्यात पर भी नजर, कई देशों से बातचीत जारी
तेजस की क्षमताएं अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान खींच रही हैं. HAL के अनुसार कई देशों ने इस जेट में रुचि दिखाई है. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि बातचीत किन देशों से हो रही है.
HAL प्रमुख ने कहा, “हम कई देशों से बात कर रहे हैं. मुझे विश्वास है कि निकट भविष्य में निर्यात में भी सफलता मिलेगी.”
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