मुंबई के चार बंगले गुरुद्वारा में भव्यता के साथ मनाया गया गुरु नानक जयंती का पर्व, लाखों श्रद्धालुओं ने माथा टेका

    सिख धर्म के संस्थापक और पहले सिख गुरु गुरु नानक जी के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाने वाली गुरु नानक जयंती के अवसर पर चार बंगला गुरुद्वारा साहिब, अंधेरी पश्चिम में भव्य समारोह का आयोजन किया गया.

    Guru Nanak Jayanti was celebrated with great pomp at the Char Bungalow Gurudwara
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    मुंबई: सिख धर्म के संस्थापक और पहले सिख गुरु गुरु नानक जी के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाने वाली गुरु नानक जयंती के अवसर पर चार बंगला गुरुद्वारा साहिब, अंधेरी पश्चिम में भव्य समारोह का आयोजन किया गया. चार बंगला गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधन और संगत द्वारा गुरु नानक देव जी के प्रकाश गुरु पर्व के भव्य समारोह में शामिल होने के लिए लाखों लोग आए. शांति, आध्यात्मिकता और सामुदायिक सेवा को समर्पित ये एक विशेष दिन है.

    चार बंगला गुरुद्वारा साहिब, अंधेरी पश्चिम, मुंबई के अध्यक्ष जसपाल सिंह सूरी और मनिंदर सिंह सूरी के नेतृत्व में, गुरुद्वारा ने अपने अब तक के सबसे बड़े समारोहों में से एक का सफ़लतापूर्वक और बड़ी शांति के साथ आयोजन किया, जहां 1 लाख से अधिक श्रद्धालु प्रार्थना करने और सेवा में भाग लेने के लिए एकत्रित हुए.

    इस अवसर पर अभिनेत्री हंसिका मोटवानी, टीवी अभिनेता प्रिंस नरूला और उनकी वाइफ युविका चौधरी, फैशन डिज़ाइनर रोहित वर्मा, गोविंदा के बेटे यशवर्धन आहूजा, एक्शन मास्टर मोहन बग्गड़, कबीर बेदी , सौंदर्या शर्मा , एकता जैन सहित कई हस्तियां भी आशीर्वाद लेने पहुंचीं. मुंबई के अंधेरी पश्चिम स्थित ऐतिहासिक फोर बंगले गुरुद्वारा में इस बार भी गुरु नानक जयंती का पर्व बेहद श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया गया.

    13 अप्रैल 1967 को यह गुरुद्वारा सरदार सिंह सूरी जी ने स्थापित किया था. उन्होंने 45 साल तक इस गुरुद्वारे के संस्थापक और अध्यक्ष के तौर पर सेवा की. उनके बाद उनके पुत्र जसपाल सिंह सूरी ने पिछले 10 वर्षों से अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी निभाई है, और अब उनके पौत्र मनिंदर सिंह सूरी भी गुरुद्वारे के कार्यों की कमान संभाल रहे हैं.

    हर साल एक लाख से अधिक श्रद्धालु गुरु नानक जयंती के अवसर पर इस गुरुद्वारे में माथा टेकने पहुंचते हैं. यह मुंबई का एकमात्र ऐसा गुरुद्वारा है जहां प्रतिदिन दो बार लंगर की सेवा की जाती है. रोज़ लगभग 2,000 लोग लंगर ग्रहण करते हैं, रविवार को यह संख्या 5,000 से अधिक हो जाती है. इस वर्ष गुरु नानक जयंती के अवसर पर लगभग 70,000 श्रद्धालुओं ने लंगर प्रसाद ग्रहण किया.

    यह गुरुद्वारा केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक सेवा में भी  आगे रहता है. मनिंदर सिंह सूरी के नेतृत्व में गुरुद्वारे ने पंजाब के तीन बाढ़ग्रस्त गांवों को गोद लिया है. वहां किसानों को बीज, डीज़ल और विवाह कराने जैसी आवश्यक मदद दी गई है. एकता, समानता,प्रेम, विनम्रता और निस्वार्थ सेवा भाव पर जोर देने वाली गुरु नानक जी की शिक्षाएं विश्व भर के करोड़ों लोगों को प्रेरित करती आ रही हैं.

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