अप्रैल 2025 में GST कलेक्शन ने तोड़ा रिकॉर्ड, सालाना आधार पर 12.6% बढ़ा, किससे कितना आया टैक्स?

    देश की अर्थव्यवस्था से एक बड़ी सकारात्मक खबर आई है. सरकार ने अप्रैल 2025 में रिकॉर्ड ₹2.37 लाख करोड़ का GST कलेक्शन किया है, जो अब तक का सबसे ज्यादा मासिक संग्रह है. यह आंकड़ा न सिर्फ पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 12.6% अधिक है, बल्कि भारत के टैक्स सिस्टम में विश्वास और आर्थिक मजबूती का भी संकेत देता है.

    GST collection broke record in April 2025, increased by 12.6% on annual basis, how much tax came from whom?
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    नई दिल्ली: देश की अर्थव्यवस्था से एक बड़ी सकारात्मक खबर आई है. सरकार ने अप्रैल 2025 में रिकॉर्ड ₹2.37 लाख करोड़ का GST कलेक्शन किया है, जो अब तक का सबसे ज्यादा मासिक संग्रह है. यह आंकड़ा न सिर्फ पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 12.6% अधिक है, बल्कि भारत के टैक्स सिस्टम में विश्वास और आर्थिक मजबूती का भी संकेत देता है.

    सबसे बड़ा मासिक संग्रह

    पिछला रिकॉर्ड अप्रैल 2024 में ₹2.10 लाख करोड़ का था, जिसे इस साल पीछे छोड़ते हुए सरकार ने नया मील का पत्थर छुआ. GST लागू होने के 7 साल बाद, इस संग्रह से साफ जाहिर होता है कि कारोबारियों की टैक्स कंप्लायंस बेहतर हुई है और उपभोक्ता मांग में स्थिरता बनी हुई है.

    किससे आया कितना टैक्स?

    डोमेस्टिक ट्रांजैक्शन से: ₹1.90 लाख करोड़- इसमें 10.7% की सालाना वृद्धि

    इम्पोर्ट से: ₹46,913 करोड़- इसमें 20.8% की वृद्धि दर्ज की गई

    रिफंड के बाद नेट कलेक्शन: ₹2.09 लाख करोड़ (9.1% की ग्रोथ)

    सरकार ने इसी महीने ₹27,341 करोड़ का टैक्स रिफंड भी जारी किया, जो पारदर्शी कर प्रशासन की ओर इशारा करता है.

    क्यों है यह संग्रह अहम?

    GST कलेक्शन सिर्फ टैक्स रेवेन्यू नहीं है, बल्कि ये देश की इकोनॉमिक हेल्थ का थर्मामीटर है.

    उच्च GST संग्रह का मतलब होता है:

    • उपभोक्ता खर्च में मजबूती
    • औद्योगिक गतिविधियों में गति
    • व्यवसायों का बेहतर टैक्स अनुपालन

    KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा, “यह आंकड़ा भारत की मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था और टैक्स सिस्टम में सुधार की कहानी बयां करता है.”

    GST कैसे बांटा जाता है?

    प्रकार      किसे जाता है
    CGST    केंद्र सरकार
    SGST     संबंधित राज्य सरकार
    IGST      केंद्र और राज्य सरकारों में बाँटा जाता है (इंटरस्टेट और इम्पोर्ट ट्रांजैक्शन पर लागू)

    2017 में शुरू हुआ था ये कर सुधार

    GST को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, जिसने देश भर में फैले 17 अलग-अलग टैक्स और 13 उपकरों को खत्म करके एकीकृत कर प्रणाली की शुरुआत की थी. GST के तहत अब चार मुख्य टैक्स स्लैब हैं — 5%, 12%, 18%, और 28%.

    इसका उद्देश्य था:

    • टैक्स सिस्टम को सरल बनाना
    • व्यापारियों की कर प्रणाली में पारदर्शिता लाना
    • टैक्स चोरी को रोकना

    क्या कहती है यह सफलता?

    GST संग्रह का यह रिकॉर्ड दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत नींव पर खड़ी है. यह केवल आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह कारोबारी विश्वास, सरकारी पारदर्शिता और उपभोक्ता सहभागिता की जीत है.

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