रोक के बावजूद राहत सामग्री लेकर गाजा के लिए निकलीं ग्रेटा थनबर्ग, इजराइली सेना कर सकती है गिरफ्तार

    वैश्विक पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने इस बार जलवायु परिवर्तन से हटकर एक अलग मानवीय मिशन की ओर रुख किया है.

    Greta Thunberg left for Gaza with relief material despite the ban
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    तेल अवीव: वैश्विक पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने इस बार जलवायु परिवर्तन से हटकर एक अलग मानवीय मिशन की ओर रुख किया है. उन्होंने और उनकी टीम ने इजराइल-गाजा संघर्ष से प्रभावित लोगों के लिए दवाएं, खाद्य सामग्री और अन्य जीवनरक्षक संसाधन लेकर एक समुद्री यात्रा शुरू की है.

    ग्रेटा का जहाज 'मैडलीन', जो इटली के सिसिली द्वीप से रवाना हुआ है, 7 जून यानी ईद के दिन तक गाजा पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रहा है. इस अभियान का उद्देश्य केवल राहत सामग्री पहुंचाना नहीं है, बल्कि गाजा पर लगी समुद्री नाकेबंदी के खिलाफ एक शांतिपूर्ण नागरिक प्रतिरोध दर्ज कराना भी है.

    मैडलीन मिशन: उद्देश्य और मानवीय पृष्ठभूमि

    यह यात्रा फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन (FFC) के तत्वावधान में हो रही है, एक अंतरराष्ट्रीय संगठन जो गाजा की नाकेबंदी को मानवीय दृष्टिकोण से चुनौती देता है.

    ग्रेटा और उनके साथियों के मुताबिक, जहाज पर मौजूद 11 से अधिक कार्यकर्ता केवल नागरिक हैं, जो पूरी तरह से अहिंसक सिद्धांतों में प्रशिक्षित हैं. मिशन का लक्ष्य उन लाखों लोगों तक मदद पहुंचाना है जो भुखमरी, दवा और पीने के पानी की कमी का सामना कर रहे हैं.

    ग्रेटा ने रवाना होने से पहले कहा, "अगर इंसानियत में थोड़ी भी संवेदना बाकी है, तो फिलिस्तीन के लिए हमारी आवाज उठनी ही चाहिए. यह सिर्फ सहायता नहीं, एक नैतिक जिम्मेदारी है."

    इजराइल की सुरक्षा और संप्रभुता का सवाल

    इजराइली सरकार ने इस मिशन को लेकर सख्त रुख अपनाया है. शुरुआत में इस पर चर्चा थी कि अगर जहाज से कोई सुरक्षा खतरा नहीं हुआ तो डॉकिंग की अनुमति मिल सकती है, लेकिन अब सरकारी नीति में बदलाव कर दिया गया है.

    इजराइल का तर्क है कि यदि इस तरह के मिशनों को अनुमति दी जाती है, तो यह नाकेबंदी की प्रभावशीलता को कमजोर कर सकता है, और अन्य असंगठित प्रयासों के लिए दरवाज़ा खोल सकता है. इजराइली सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर जहाज उनके आदेशों का उल्लंघन करेगा, तो उसे रोका जाएगा और ज़रूरत पड़ी तो सवार लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा.

    इजराइली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने कहा है कि “हम इस अभियान को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे.”

    समुद्री नाकेबंदी: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

    गाजा पट्टी पर इजराइल की नाकेबंदी वर्ष 2007 से लागू है, जब हमास ने इस क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल किया था. तब से इजराइल ने गाजा के समुद्री, हवाई और थल मार्गों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रतिबंध लागू कर रखे हैं.

    इजराइल का कहना है कि ये प्रतिबंध हथियारों की तस्करी और आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक हैं. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह नाकेबंदी आम नागरिकों को सामूहिक रूप से सजा देने जैसा है, जिससे मानवीय संकट और गहरा गया है.

    ऐसे प्रयास पहले भी हुए हैं

    इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के तहत गाजा को राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिशें की गईं हैं. 2010 में 'फ्रीडम फ्लोटिला' नामक मिशन के दौरान इजराइल ने एक जहाज को रोका था, जिसमें 10 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी. उस घटना के बाद इजराइल को वैश्विक आलोचना का सामना करना पड़ा था.

    2025 के मई महीने में भी ‘कॉन्साइंस’ नामक जहाज को गाजा पहुंचने से पहले रोक दिया गया था.

    गाजा की मौजूदा स्थिति

    गाजा में अक्टूबर 2023 से अब तक जारी संघर्ष के दौरान 54,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.

    23 लाख की आबादी में से 93% को भोजन और दवा की गहरी किल्लत है. संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय राहत एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि अगर हालात नहीं बदले तो गाजा भुखमरी के अभूतपूर्व स्तर तक पहुंच सकता है.

    क्या होगा आगे?

    'मैडलीन' की स्थिति को रियल-टाइम में मॉनिटर किया जा रहा है. 4 जून को जहाज ग्रीस के तट के पास देखा गया था, और ग्रीक कोस्ट गार्ड द्वारा उस पर नजर रखी जा रही थी.

    अगर इजराइल जहाज को रोकेगा, तो यह घटनाक्रम अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई बहस छेड़ सकता है, जिसमें एक ओर सुरक्षा चिंताएं होंगी, और दूसरी ओर मानवीय कर्तव्य का सवाल.

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