IndiGo पर सरकार का बड़ा एक्शन, रोजाना 5% उड़ानों में कटौती, नए शेड्यूल के लिए DGCA ने दिया दो दिन का समय

    देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पर उड़ानों के लगातार बिगड़ते संचालन को लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाया है.

    Government big action on IndiGo DGCA gave two days time
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पर उड़ानों के लगातार बिगड़ते संचालन को लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाया है. एविएशन रेगुलेटर DGCA ने सोमवार को इंडिगो को निर्देश दिया कि वह अपनी दैनिक उड़ानों में 5% की अनिवार्य कटौती करे. चूंकि इंडिगो हर दिन लगभग 2,300 उड़ानें संचालित करती है, इस फैसले का सीधा मतलब है कि एयरलाइन को करीब 115 उड़ानें तुरंत शेड्यूल से हटानी होंगी.

    DGCA ने इंडिगो को 10 दिसंबर शाम 5 बजे तक नया संशोधित शेड्यूल जमा करने का आदेश दिया है. यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर देश की किसी प्रमुख एयरलाइन पर इस तरह की सख्त कार्रवाई की गई है.

    टाइम मैनेजमेंट में विफलता बनी कार्रवाई की वजह

    DGCA ने बयान में कहा कि इंडिगो अपने उड़ान संचालन को समय पर बनाए रखने में विफल साबित हुई है. बीते कुछ हफ्तों में एयरलाइन की लेट-ऑफ, कैंसिलेशन और अनियमित शेड्यूलिंग की समस्याएं बढ़ती गईं. हजारों यात्रियों को अचानक उड़ानें रद्द होने और कई-कई घंटे की देरी का सामना करना पड़ रहा था.

    नवंबर के अंत से यह समस्या तेजी से गंभीर हुई और दिसंबर के शुरुआती दिनों में यह राष्ट्रीय स्तर पर ऑपरेशनल संकट में बदल गई, जिसके चलते DGCA को हस्तक्षेप करना पड़ा.

    एविएशन रजिस्ट्रेटर ने साफ कहा कि यात्रियों को होने वाली परेशानी “अस्वीकार्य” है और यह आदेश उसी का परिणाम है.

    FDTL नियम लागू होने से बढ़ी पायलटों की कमी

    इंडिगो के मौजूदा संकट की सबसे बड़ी वजह 1 नवंबर से लागू नया FDTL (Flight Duty Time Limitations) नियम है, जिसके तहत पायलटों की ड्यूटी आवर्स कम कर दिए गए हैं.

    नए नियम के कारण—

    • उड़ानें चलाने के लिए अधिक पायलटों की आवश्यकता होने लगी
    • पायलटों का रोस्टर बनाने में अतिरिक्त समय और संसाधन चाहिए
    • शेड्यूलिंग का दबाव अचानक बढ़ गया

    इसके ठीक विपरीत, इंडिगो ने इसी अवधि में अपनी उड़ानों को 6% बढ़ा दिया, जिससे पायलटों की उपलब्धता और शेड्यूल के बीच भारी असंतुलन पैदा हो गया.

    परिणामस्वरूप, नवंबर में दर्जनों उड़ानें रद्द हुईं और दिसंबर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण से बाहर हो गई. केवल पिछले आठ दिनों में ही एयरलाइन को लगभग 5,000 उड़ानें कैंसिल करनी पड़ी हैं.

    आगे और बढ़ सकती है कटौती

    DGCA ने संकेत दिया है कि यह केवल पहला चरण है. अगर इंडिगो आने वाले दिनों में संचालन को सामान्य नहीं कर पाती, तो रेगुलेटर उसके शेड्यूल में अतिरिक्त 5% कटौती भी लागू कर सकता है. उस स्थिति में एयरलाइन की कुल उड़ानें 10% तक कम हो जाएंगी.

    अधिकारी यह भी देख रहे हैं कि किन उड़ानों को रद्द करने से यात्रियों की कनेक्टिविटी पर न्यूनतम असर पड़े. बड़ी आशंका यह है कि नॉन-पीक समय और छोटे शहरों की उड़ानें सबसे पहले प्रभावित हो सकती हैं.

    अन्य एयरलाइंस ने शेड्यूल में सावधानी बरती

    इंडिगो के उलट, अन्य एयरलाइंस ने सर्दियों के शेड्यूल में विस्तार को लेकर संयम बरता—

    • Air India की उड़ानें गर्मियों के मुकाबले 0.8% कम हुईं
    • Air India Express ने 6% कटौती की
    • Akasa Air ने भी 5.7% कम उड़ानें तय कीं

    दिलचस्प बात यह है कि ऐसे समय में SpiceJet ने अपनी उड़ानों में 26% की बढ़ोतरी की है. इंडस्ट्री विशेषज्ञ इसे इंडिगो के संकट के चलते मिले “अनचाहे मौके” के रूप में देख रहे हैं.

    DGCA के आदेश के बाद इंडिगो पर सबसे बड़ा दबाव यह है कि वह दो दिनों के भीतर नए उड़ान शेड्यूल को अंतिम रूप दे. एयरलाइन को यह भी साबित करना होगा कि वह अपने संचालन को स्थिर और सुरक्षित तरीके से संभाल सकती है.

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