गोरखपुर ने कर दिया कमाल, चेन्नई को पीछे छोड़ बना देश का पहला अर्बन फ्लड मैनेजमेंट शहर

    गोरखपुर, जो पहले हर साल मानसून के दौरान जलभराव की समस्या से जूझता था, अब एक नई पहचान बना चुका है. एक ऐसा शहर, जो जलभराव के कारण चर्चा में आता था, आज देश के पहले स्मार्ट अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सिस्टम का उदाहरण बनकर उभरा है.

    Gorakhpur became the country s first urban flood management city
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    Gorakhpur News: गोरखपुर, जो पहले हर साल मानसून के दौरान जलभराव की समस्या से जूझता था, अब एक नई पहचान बना चुका है. एक ऐसा शहर, जो जलभराव के कारण चर्चा में आता था, आज देश के पहले स्मार्ट अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सिस्टम का उदाहरण बनकर उभरा है. अब गोरखपुर को जलभराव के लिए नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी और स्मार्ट समाधान के लिए जाना जा रहा है. यह बदलाव गोरखपुर नगर निगम और उत्तर प्रदेश सरकार की संयुक्त मेहनत का नतीजा है, जिसने शहर को पूरी तरह से जलभराव मुक्त और स्मार्ट बना दिया है.

    गोरखपुर का अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल

    गोरखपुर ने देश का पहला स्मार्ट अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल (UFMC) स्थापित किया है, जिसे 20 करोड़ रुपये के निवेश से विकसित किया गया है. यह सिस्टम अब हर बूंद पर नजर रखता है और सुनिश्चित करता है कि शहर में जलभराव की कोई समस्या न हो. गोरखपुर नगर निगम के अधिकारियों ने शहर की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जो अत्याधुनिक तकनीक के साथ जलभराव को रोकने का काम करता है.

    कैसे काम करता है यह स्मार्ट फ्लड सिस्टम?

    गोरखपुर की भौगोलिक स्थिति कटोरे जैसी है, जिसके चारों ओर नदियां बहती हैं और इसका तल कम होने के कारण बारिश का पानी यहां रुक जाता है. नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के अनुसार, "हमने एक ऐसा सिस्टम विकसित किया है जो 100 मिमी तक की बारिश को संभालने में सक्षम है." इस सिस्टम में ऑटोमैटिक पंपिंग का इस्तेमाल किया गया है, जो रियल टाइम डेटा के आधार पर काम करता है. इससे पहले जहां जलभराव को हटाने में 2 घंटे लगते थे, अब यह काम 1 घंटे में किया जा रहा है.

    साथ ही, गोरखपुर में 28 हॉटस्पॉट और 85 सेंसर प्वाइंट्स लगाए गए हैं, जिनकी मदद से पानी की स्थिति पर नजर रखी जाती है. इस सिस्टम ने राष्ट्रपति के दौरे के दिन भी अपनी ताकत साबित की, जब 90 मिमी बारिश होने के बावजूद पूरे शहर में जलभराव की स्थिति नहीं बनी.

    स्मार्ट फ्लड मैनेजमेंट से जुड़ी नई तकनीक

    गोरखपुर में स्थापित यूएफएमसी कंट्रोल रूम में रियल टाइम मॉनिटरिंग, वाटर लेवल सेंसर, जीपीएस टैग्ड ड्रेनेज और रेन गेज सिस्टम जैसे अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं. सोगरवाल ने बताया कि "हमने हर नाले को टैप कर इनकी इन्वेंटरी तैयार की है और हर 4 किमी पर रेन गेज लगाया गया है, जो हर 15 मिनट पर डेटा भेजता है." इस सिस्टम का मास्टर प्लान 100 वर्षों के बारिश के आंकड़ों पर आधारित है, और यह भारत का पहला फुल ऑपरेशनल अर्बन फ्लड सिस्टम है. इस पहल की प्रमुख डॉ. सौम्या श्रीवास्तव का कहना है कि "यह न केवल यूपी, बल्कि भारत का पहला पूरी तरह ऑपरेशनल और स्मार्ट फ्लड मैनेजमेंट सिस्टम है."

    गोरखपुर की सफलता ने शहर को बना दिया मॉडल 

    गोरखपुर के लिए यह उपलब्धि इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि शहर नेपाल की सीमा से सटा है और तटीय नहीं होने के बावजूद उसे चेन्नई जैसे स्मार्ट शहरों की तकनीक से सुसज्जित किया गया है. गोरखपुर के महापौर मंगलेश श्रीवास्तव कहते हैं, "हमारे अधिकारियों ने चेन्नई और बेंगलुरु जाकर वहां के सिस्टम को समझा और फिर इसका बेहतर संस्करण गोरखपुर में लागू किया." आज गोरखपुर का यह फ्लड मैनेजमेंट सिस्टम पूरे देश के लिए एक आदर्श बन चुका है. डॉ. वेंकटेश दत्ता, जो कि भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रोफेसर हैं, ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, "गोरखपुर का यह सिस्टम यूपी के बाकी शहरों के लिए आदर्श बन सकता है, जो जलभराव की समस्या से जूझते हैं." 

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