UPI New Rule Changes: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से UPI ऑटोपे फीचर में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है. इन बदलावों के लागू होने के बाद आम उपभोक्ताओं को अपने नियमित भुगतान (Recurring Payments) पर अधिक नियंत्रण मिलेगा और वे अपनी सुविधानुसार किसी भी UPI ऐप से उन्हें प्रबंधित कर सकेंगे.
UPI ऑटोपे एक ऐसा फीचर है जो उपयोगकर्ताओं को अपने बैंक खाते से किसी सेवा का भुगतान स्वतः कराने की सुविधा देता है. इसका उपयोग आमतौर पर उन सेवाओं के लिए किया जाता है जिनके लिए मासिक या समय-समय पर भुगतान करना होता है.
इस सुविधा की मदद से ग्राहक हर बार मैन्युअल रूप से भुगतान करने की झंझट से बच जाते हैं. एक बार "मैंडेट" सेट करने के बाद निर्धारित तिथि को संबंधित राशि अपने आप बैंक खाते से कट जाती है.
अब तक की स्थिति क्या थी?
अब तक जब कोई उपयोगकर्ता किसी UPI ऐप जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm आदि पर मैंडेट (Autopay) सेट करता था, तो उस मैंडेट की जानकारी और प्रबंधन केवल उसी ऐप पर संभव था, जहां से वह शुरू किया गया था. अगर उपभोक्ता दूसरे ऐप पर स्विच करना चाहता था, तो उसे नया मैंडेट बनाना पड़ता था, जो न केवल समय लेने वाला था बल्कि भ्रम पैदा करने वाला भी हो सकता था.
NPCI का नया अपडेट क्या है?
NPCI द्वारा लागू की जा रही नई व्यवस्था के तहत, अब उपभोक्ताओं को निम्नलिखित मुख्य सुविधाएं मिलेंगी:
सभी मैंडेट एक ही जगह दिखेंगे:
उपयोगकर्ता अब किसी भी अधिकृत UPI ऐप में लॉगिन करके अपने सभी UPI ऑटोपे मैंडेट्स की सूची देख पाएंगे, चाहे वे किसी अन्य ऐप से ही क्यों न बनाए गए हों.
मैंडेट ट्रांसफर की सुविधा:
यदि उपभोक्ता किसी कारणवश किसी UPI ऐप से दूसरे ऐप में अपना मैंडेट ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो यह अब पूरी तरह संभव होगा. उदाहरण के लिए, अगर आपने PhonePe से Netflix का ऑटोपे सेट किया है और अब आप Google Pay पर स्विच करना चाहते हैं, तो बिना नया मैंडेट बनाए आप उसे ट्रांसफर कर सकेंगे.
उपयोगकर्ता का पूर्ण नियंत्रण:
अब मैंडेट का निर्माण, ट्रैकिंग और प्रबंधन पूरी तरह उपयोगकर्ता के नियंत्रण में रहेगा. इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहक को अपने फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस पर ज्यादा अधिकार मिलेगा.
यह सुविधा कब तक लागू होगी?
NPCI ने देशभर के सभी UPI ऐप्स और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश जारी किए हैं कि वे इस नई प्रणाली को 31 दिसंबर 2025 तक पूरी तरह लागू कर दें. यानी अगले लगभग डेढ़ वर्ष के भीतर यह सुविधा सभी प्रमुख UPI ऐप्स में उपलब्ध होगी.
इस बदलाव से उपभोक्ताओं को क्या लाभ होगा?
1. बेहतर वित्तीय प्रबंधन:
एक ही जगह से सभी ऑटोपे मैंडेट्स की जानकारी मिलने से उपयोगकर्ता को यह पता रहेगा कि किस तारीख को, कितनी राशि, किस सेवा के लिए कट रही है. इससे बजट बनाना और खर्च की योजना बनाना आसान होगा.
2. फ्लेक्सिबिलिटी और सुविधा:
अगर कोई ऐप तकनीकी कारणों से काम नहीं कर रहा या उपयोगकर्ता को उसका इंटरफेस पसंद नहीं आ रहा, तो वह आसानी से किसी अन्य ऐप पर शिफ्ट हो सकता है, बिना मैंडेट रद्द किए.
3. भ्रम की स्थिति से राहत:
अब तक, एक ही यूज़र के पास अलग-अलग ऐप्स में कई ऑटोपे एक्टिव थे, और उन्हें ट्रैक करना मुश्किल होता था. अब सभी मैंडेट्स एक ही ऐप में दिखने से पारदर्शिता बढ़ेगी.
4. उपयोगकर्ता डेटा की सुरक्षा:
NPCI ने स्पष्ट किया है कि UPI ऐप्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि मैंडेट से संबंधित जानकारी का उपयोग केवल भुगतान प्रबंधन के लिए ही हो. इसका उपयोग किसी भी प्रकार की मार्केटिंग, प्रचार, या अनावश्यक विज्ञापनों के लिए नहीं किया जा सकेगा.
UPI ऐप्स के लिए NPCI के निर्देश
NPCI ने सभी UPI ऐप्स को निर्देशित किया है कि मैंडेट देखने, ट्रांसफर करने और मैनेज करने की सुविधा यूजर-फ्रेंडली होनी चाहिए. यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सुरक्षित होनी चाहिए.उपयोगकर्ता को यह जानकारी होनी चाहिए कि कौन से मैंडेट एक्टिव हैं और किससे कितनी राशि कट रही है. डेटा गोपनीयता का पालन हर हाल में किया जाना चाहिए. किसी भी तरह से उपभोक्ता की जानकारी का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए.
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