आज इंटरनेट की दुनिया का सबसे बड़ा नाम गूगल अपना 27वां जन्मदिन मना रहा है. इस खास मौके पर गूगल ने एक खास डूडल बनाकर अपने शुरुआती दिनों को याद किया है. इस डूडल में उस समय की झलक दिखाई गई है जब गूगल का इंटरफेस बेहद साधारण हुआ करता था. समय के साथ गूगल ने न सिर्फ अपना लोगो बदला, बल्कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपनी पकड़ भी लगातार मजबूत की.
पर क्या आप जानते हैं कि गूगल का नाम असल में एक गलती की वजह से पड़ा था? आइए जानते हैं गूगल के सफर, नाम और इसकी शुरुआत से जुड़ी कुछ रोचक बातें:
गूगल का मतलब क्या होता है?
बहुत कम लोग जानते हैं कि Google नाम असल में गणित के एक शब्द "Googol" से जुड़ा है. Googol का अर्थ होता है. 1 के बाद 100 शून्य (0) – यानी एक बहुत बड़ी संख्या. गूगल के संस्थापक चाहते थे कि उनका सर्च इंजन उतनी ही विशाल जानकारी लोगों तक पहुंचाए, जितनी बड़ी ये संख्या है. लेकिन जब डोमेन नाम रजिस्टर किया जा रहा था, तो गलती से "Googol" की बजाय "Google" टाइप हो गया. अच्छी बात यह रही कि यह नाम उपलब्ध था और यहीं से शुरू हुआ गूगल का सफर.
गूगल की शुरुआत कब और कैसे हुई?
गूगल की स्थापना 1998 में दो पीएचडी छात्रों, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने की थी. शुरुआत एक गैराज से हुई थी, जो अब टेक्नोलॉजी इतिहास का हिस्सा बन चुका है.उस समय इंटरनेट अपने शुरुआती दौर में था, और कंप्यूटर ही मुख्य जरिया था ब्राउज़िंग का. गूगल ने उस समय अपने शानदार सर्च एल्गोरिद्म के कारण तेज़ी से लोगों का भरोसा जीता और आज अरबों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.
क्या था गूगल का पहला नाम?
गूगल को शुरू में BackRub नाम दिया गया था.यह नाम वेब पेजों की बैकलिंक्स को एनालाइज करने के कारण रखा गया था. लेकिन जैसे-जैसे प्रोजेक्ट बड़ा होता गया, एक बेहतर नाम की तलाश शुरू हुई.
कैसे टाइपो से बना "Google"
1997 में जब नया नाम चुना जा रहा था, तो कुछ नामों पर विचार किया गया जैसे Googolplex और Googol. शॉन एंडरसन, जो उस वक्त स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे, उन्होंने जब "Googol" डोमेन सर्च किया, तो गलती से "Google" टाइप कर दिया.यह नाम उपलब्ध था, और लैरी पेज को यह अनोखा नाम इतना पसंद आया कि उसे तुरंत रजिस्टर करवा लिया गया. आज वह छोटी सी गलती दुनिया का सबसे बड़ा ब्रांड बन चुकी है.
आज का गूगल
गूगल सिर्फ एक सर्च इंजन नहीं रह गया है. यह अब Gmail, YouTube, Google Maps, Google Drive, Android, Pixel फोन, और AI टेक्नोलॉजी जैसे अनगिनत प्रोडक्ट्स और सेवाओं के साथ एक पूरा इकोसिस्टम बन चुका है. गूगल अब अल्फाबेट इंक. के तहत संचालित होता है.
गूगल का डूडल क्या दिखाता है?
गूगल का 27वां बर्थडे डूडल उसकी पुरानी इंटरफेस डिजाइन को दिखाता है – वह दौर जब गूगल पर सर्च करने का अनुभव बेहद सरल और सीमित था. लेकिन यही सरलता और सटीकता आज उसे सबसे आगे खड़ा करती है.
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