सीएम योगी और पूर्व सांसद के बीच क्या-क्या बात हुई? बृजभूषण सिंह ने बता दिया सब कुछ

    उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में पूर्व सांसद और बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने 21 जुलाई, सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई अपनी मुलाकात को लेकर बड़ा बयान दिया.

    Gonda former mp Brij Bhushan Sharan Singh reaction after meeting cm yogi
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    उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में पूर्व सांसद और बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने 21 जुलाई, सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई अपनी मुलाकात को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मुलाकात में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई थी और यह मुलाकात एक पुरानी दोस्ती और संबंधों की वजह से हुई थी.

    56 साल का संबंध, कोई राजनीतिक बातचीत नहीं

    बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, जीवन में उतार-चढ़ाव होता रहता है, ऐसा ही एक उतार 2023 जनवरी महीने में मेरे जीवन पर आया. इस समय सीएम योगी से मेरी बात बंद हो गई, इस दौरान मैंने योगी आदित्यनाथ से मिलने का प्रयास भी नहीं किया. यह मेरे लिए एक टर्निंग पॉइंट था, मेरे ऊपर एक बहुत बड़ा आरोप लगा था, मुझे उसका सामना करना था. पूर्व सांसद ने कहा, 'मैंने दिनकर जी की यह कविता कभी पढ़ी थी और पढ़ता रहता हूं सच है विपत्ति जब आती है कायर को ही दहलाती है सुरमा नहीं विचलित होते पाल एक नहीं धीरज होते संकट का चरण ना कहते हैं जो आप पढ़ता सब कहते हैं.'

    जीवन में आए उतार-चढ़ाव पर बृजभूषण का बयान

    पूर्व सांसद ने कहा, ' योगी आदित्यनाथ से हमारे 56 साल के संबंध हैं, गोरखनाथ मंदिर विद्यार्थी जीवन से ही आता जाता था. स्वर्गीय अवैद्यनाथ जी का सानिध्य हम लोगों को राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान अयोध्या में इनसे प्राप्त हुआ. हम उनके साथ खेले हैं, वह मेरे साथ खेले हैं, हंसी मजाक हुआ है. वह बुलाए और हम गए, वह प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, हमारे शुभचिंतक हैं. जब उन्होंने मुझे बुलाया, मैं गया. इस पर किसी को आपत्ति करने की जरूरत नहीं है.'

    पुराने संबंधों पर बृजभूषण का बयान

    बृजभूषण शरण सिंह ने अपने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पुराने संबंधों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, "हम दोनों गोरखनाथ मंदिर में विद्यार्थी जीवन से ही आते-जाते थे. राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान भी हमने साथ काम किया है. हमारी दोस्ती पुरानी है और हमने एक-दूसरे के साथ समय बिताया है." उन्होंने यह भी कहा कि जब योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बुलाया, तो उन्होंने स्वीकार किया, क्योंकि वह उनके शुभचिंतक हैं.

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