जनरल मुनीर फील्ड मार्शल नहीं... फेल्ड मार्शल है! पाकिस्तान में कुत्ते भी पसंद नहीं करते; 15 बार हो चुका है फेल

    जनरल मुनीर के खाते में जीत नहीं, नाकामियों की लंबी फेहरिस्त है. यही वजह है कि सोशल मीडिया से लेकर राजनैतिक गलियारों तक लोग उन्हें "फेल्ड मार्शल" कहकर पुकार रहे हैं.

    General Munir Failed Marshal Pakistan
    आसिम मुनीर | Photo: X

    पाकिस्तान में एक हैरान कर देने वाला फैसला सामने आया है. भारत के हाथों हाल ही में मिली करारी हार के बाद भी वहां की सरकार ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को ‘फील्ड मार्शल’ के पद पर पदोन्नत कर दिया है. यह पद पाकिस्तान में अब तक सिर्फ एक शख्स को—जनरल अयूब खान—को मिला था, वो भी उन्होंने खुद को ही प्रमोट कर दिया था. अब असीम मुनीर को यह दर्जा मिला है, लेकिन सवाल उठता है—किस उपलब्धि के लिए?

    वास्तव में जनरल मुनीर के खाते में जीत नहीं, नाकामियों की लंबी फेहरिस्त है. यही वजह है कि सोशल मीडिया से लेकर राजनैतिक गलियारों तक लोग उन्हें "फेल्ड मार्शल" कहकर पुकार रहे हैं.

    असीम मुनीर की 15 सबसे बड़ी विफलताएं, जिन पर मिला प्रमोशन:

    मदरसे की पृष्ठभूमि:

    मुनीर पाकिस्तान के पहले ऐसे सेना प्रमुख हैं जिनकी पढ़ाई-लिखाई पारंपरिक सैन्य अकादमी के बजाय एक मदरसे में हुई है. यही नहीं, वे अपने बैच के 20 लेफ्टिनेंट जनरल्स का करियर खत्म कर आगे बढ़े.

    'द डीसीवर' की पहचान:

    उनके बैचमेट उन्हें "The Deceiver" यानी धोखेबाज कहते हैं.

    बलूचिस्तान में आक्रोश:

    मुनीर की सेना द्वारा बलूचिस्तान, वजीरिस्तान और सिंध में नागरिकों पर ज़ुल्म की घटनाएं बढ़ीं, जिससे वहां के लोग सेना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए.

    BLA का कब्जा:

    बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने मच शहर पर कब्जा कर लिया, और पाक सेना मूकदर्शक बनी रही.

    जफर एक्सप्रेस हमला:

    आतंकी हमले के बाद मुनीर सेना को कोई ठोस जवाबी रणनीति नहीं दे सके.

    वर्दी को कलंकित किया:

    सेना की वर्दी को राष्ट्र की सेवा से अधिक धार्मिक एजेंडे के लिए इस्तेमाल किया.

    भारत से मिली करारी शिकस्त:

    6 से 10 मई तक चले सैन्य संघर्ष में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह कर दिए.

    बंकर में छुपे सेनाध्यक्ष:

    भारत की सैन्य कार्रवाई के दौरान मुनीर ने खुद को बंकर में छुपाकर सुरक्षा ली.

    बीजिंग के इशारे पर नाचते हैं:

    पाकिस्तान से ज्यादा भरोसा चीन के इशारों पर—शी जिनपिंग की मंजूरी के बिना कुछ नहीं करते.

    पीओके में भारत की स्ट्राइक:

    भारत ने पीओके में आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त किया, और पाक सेना प्रतिक्रिया नहीं दे सकी.

    एयर डिफेंस सिस्टम फेल:

    भारतीय हमले में पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त हो गया.

    भारी सैन्य नुकसान:

    भारत की कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकी और कई पाक सैनिक मारे गए.

    दो बार घुसकर मार:

    4 दिनों में भारत ने दो बार सीमा पार कर हमला किया—पहले आतंकियों पर और फिर सैन्य ठिकानों पर.

    शांति की भीख:

    पाकिस्तान के DGMO को भारत के DGMO से संपर्क कर संघर्ष विराम की अपील करनी पड़ी.

    प्रमोशन या तमाचा?

    इतने सारे फेलियर के बावजूद फील्ड मार्शल का दर्जा देना, पाकिस्तान की सैन्य समझ पर सवाल खड़े करता है.

    क्या मतलब है इस पदोन्नति का?

    जनरल असीम मुनीर की फील्ड मार्शल पद पर नियुक्ति को सम्मान नहीं, बल्कि चेतावनी माना जाना चाहिए. यह इशारा है कि पाकिस्तान की सेना अब भी अतीत की गलतियों से सबक लेने को तैयार नहीं है. मुनीर की बढ़ती राजनीतिक और धार्मिक नजदीकियां, उनकी फौजी नाकामियां और भारत के खिलाफ उनकी विफल रणनीति—इन सबके बाद भी उन्हें शीर्ष पद देना पाकिस्तान की अंदरूनी रणनीतिक कमजोरी को उजागर करता है.

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