'पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन का पूरा अधिकार' पूर्व अमेरिकी NSA का भारत को समर्थन, अब कौन रोकेगा जंग?

    अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के संदर्भ में भारत के आत्मरक्षा अधिकार को पूरी तरह वैध ठहराया है.

    Full right to take action against Pakistan Former US NSA supports India
    अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन/Photo- Internet

    वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के संदर्भ में भारत के आत्मरक्षा अधिकार को पूरी तरह वैध ठहराया है. आईएएनएस को दिए एक विशेष साक्षात्कार में बोल्टन ने कहा कि भारत को, यदि वह ठोस प्रमाणों के आधार पर यह मानता है कि यह हमला पाकिस्तान की धरती से संचालित किया गया, तो उसे आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई का पूरा अधिकार है.

    सही प्रतिक्रिया देना भारत का अधिकार

    बोल्टन ने कहा, “जब मैं 2019 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार था, उस समय भी हमें पुलवामा जैसे भयावह हमले का सामना करना पड़ा था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान-स्थित आतंकी संगठन का हाथ था. हमने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को उस समय भी समर्थन दिया था और आज भी वही सिद्धांत लागू होता है.”

    उनका मानना है कि भारत को ऐसी स्थिति में जवाबी कदम उठाने का अधिकार है, बशर्ते कि उसके पास हमले के स्रोत और उसकी जिम्मेदारी को लेकर स्पष्ट और विश्वसनीय प्रमाण हों.

    आतंक के विरुद्ध सख्ती जरूरी

    बोल्टन ने यह भी कहा कि अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दक्षिण एशिया में व्यापक संघर्ष की स्थिति नहीं चाहता, लेकिन आतंकवाद के ख़िलाफ़ कठोर रुख अनिवार्य है. उन्होंने कहा, “कोई भी देश ऐसे खतरों के साथ नहीं रह सकता. यदि भारत आत्मरक्षा में कार्रवाई करता है, तो वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप होगी.”

    बैसरन घाटी में क्रूर हमला

    22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी (पहलगाम) में आतंकवादियों ने निहत्थे नागरिकों पर गोलीबारी कर दी थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए. यह क्षेत्र राज्य का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे इस हमले के बाद सुरक्षा के लिहाज से हाई अलर्ट पर रखा गया है.

    जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध प्रतिबंधित संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है. सुरक्षा एजेंसियों ने हमलावरों में से दो की पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के रूप में की है, जिससे सीमा पार आतंकी नेटवर्क की भूमिका की पुष्टि होती है.

    क्षेत्रीय स्थिरता बनाम राष्ट्रीय सुरक्षा

    बोल्टन ने यह स्पष्ट किया कि भारत की प्रतिक्रिया सैन्य हो या कूटनीतिक, उसे राष्ट्र की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता दोनों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “स्थिरता तभी संभव है जब आतंकवाद को स्पष्ट रूप से अस्वीकार किया जाए और उसके खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएं. भारत इस मामले में अंतरराष्ट्रीय समर्थन का पात्र है.”

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