महाराष्ट्र के लातूर से आने वाले अनुभवी राजनेता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल चाकुरकर का आज निधन हो गया. वे 91 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे. परिवार के सदस्यों के अनुसार, सुबह करीब 6:30 बजे उन्होंने अपने घर “देववर”, लातूर में ही अंतिम सांस ली.
हाल के महीनों में उनकी सेहत कमजोर चल रही थी और घर पर ही उनका इलाज चल रहा था. अंतिम दिनों में परिवार के लोग और करीबी चिकित्सक उनके साथ थे.
राजनीतिक जीवन और योगदान
शिवराज पाटिल चाकुरकर भारतीय राजनीति में कई दशकों तक सक्रिय रहे और उन्होंने देश के राजनीतिक एवं संवैधानिक मामलों में लम्बा योगदान दिया.
वे लोकसभा स्पीकर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं और राष्ट्रीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण केंद्रीय मंत्री पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं. अपने राजनीतिज्ञ जीवन में उन्होंने विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में जिम्मेदारियों को निभाया और संसद के उच्च लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सक्रिय भूमिका निभाई.
शिवराज पाटिल लातूर के चाकुर से टिकट लेकर लंबे समय तक लोकसभा का चुनाव जीतते रहे, खासकर लातूर लोकसभा क्षेत्र से उन्होंने लगातार सात बार जीत हासिल की और जनता के बीच एक लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता के रूप में पहचान बनाई.
केंद्रीय स्तर पर भूमिका
2004 के आम चुनावों में लोकसभा सीट हारने के बाद भी शिवराज पाटिल को कांग्रेस नेतृत्व और सरकार ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ दीं. इसके बाद उन्हें राज्यसभा से सांसद बनाकर गृह मंत्री समेत अन्य केंद्रीय जिम्मेदारियों का दायित्व सौंपा गया.
गृह मंत्रालय जैसे संवेदनशील पद पर रहते हुए उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा नीतियों और कई प्रशासनिक निर्णयों में निर्णायक भूमिका निभाई.
उनका यह करियर न केवल राजनीतिक बल्कि संवैधानिक प्रक्रियाओं और लोकतंत्र के कार्यान्वयन में योगदान के लिए भी याद किया जाएगा.
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