योगी सरकार का बड़ा कदम, यूपी में अब दाल और तेल की बढ़ती कीमतों से मिलेगी राहत

    विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत सरकार किसानों को मुफ्त मिनी किट वितरित करने जा रही है. इन किट्स के जरिए अरहर, मूंग, उड़द, तिल और मूंगफली जैसी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा.

    Food Security relief from rising prices of pulses and oil in UP
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    UP News: जब रसोई में दाल की खुशबू और तड़के में सरसों के तेल की महक होती है, तब ही एक आम भारतीय परिवार की थाली पूरी मानी जाती है. लेकिन जैसे ही बाजार में इनके दाम बढ़ते हैं, आमजन की थाली अधूरी हो जाती है. इसी समस्या को जड़ से खत्म करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार अब दलहन और तिलहन की खेती को नया प्रोत्साहन देने जा रही है ताकि हर थाली में सस्ते दामों पर दाल और तेल की गारंटी दी जा सके.

    किसानों को मिलेगी मुफ्त किट

    विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत सरकार किसानों को मुफ्त मिनी किट वितरित करने जा रही है. इन किट्स के जरिए अरहर, मूंग, उड़द, तिल और मूंगफली जैसी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. इस योजना में कुल 4,58,000 मिनी किट्स बंटेगीं, जिसमें अकेले अरहर, मूंग और उड़द के लिए 1,05,000 किट, तिल के लिए 1,00,000 किट और मूंगफली के लिए 6,000 किट शामिल हैं. इससे किसानों को न सिर्फ आधुनिक बीज मिलेंगे, बल्कि वैज्ञानिक तरीके से खेती का प्रशिक्षण भी मिलेगा.

    एमएसपी में जबरदस्त बढ़ोतरी

    योगी सरकार सिर्फ खेती को बढ़ावा नहीं दे रही, बल्कि किसानों की मेहनत की सही कीमत दिलवाने पर भी फोकस कर रही है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में जबरदस्त बढ़ोतरी की गई है. उदाहरण के लिए, नाइजर सीड की एमएसपी में 172% का इजाफा हुआ है. अरहर की कीमत 8,000 रुपये, मूंग की 8,768 रुपये और उड़द की 7,800 रुपये प्रति क्विंटल हो चुकी है. सूरजमुखी और सोयाबीन की कीमतों में भी 100% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

    मिशन मोड पर है खेती

    प्रदेश में दलहन ग्राम योजना और तिलहन मिशन के तहत किसानों को विशेष तकनीक और बीज मुहैया कराए जा रहे हैं. "एक जिला, एक उत्पाद" (ODOP) योजना में भी दलहन को शामिल किया गया है. खासकर बुंदेलखंड और पूर्वांचल जैसे इलाकों में "यूपी एग्रीज" परियोजना से खेती को एक नया आयाम दिया जा रहा है.

    आंकड़ों में दिखा असर

    जहां 2016-17 में तिलहन का उत्पादन मात्र 12.40 लाख मीट्रिक टन था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 20.31 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया—यानी 128% की बढ़ोतरी. इससे न केवल किसान समृद्ध होंगे बल्कि बाजार में दाल-तेल की कीमतें भी नियंत्रण में रहेंगी.

    ये भी पढ़ें: योगी सरकार ग्रेटर नोएडा में 125 करोड़ की लागत से लगाएगी आधुनिक कारखाना, हजारों युवाओं को मिलेगा रोजगार