Floods News: देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में बारिश और बाढ़ से हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का असर अब पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है.
पंजाब के भाखड़ा और पौंग बांधों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जबकि उत्तर प्रदेश में गंगा-यमुना की बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हो चुके हैं. वहीं, राजस्थान में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है.
भाखड़ा और पौंग बांधों का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर, पंजाब में बाढ़ का खतरा
भारी बारिश के कारण भाखड़ा बांध का जलस्तर 1,672 फीट और पौंग बांध का जलस्तर 1,393 फीट तक पहुंच चुका है, जो कि खतरे के निशान से ऊपर है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गुरुवार को इन बांधों के और फ्लड गेट खोले गए, जिससे सतलुज और ब्यास नदियों के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई है.
रणजीत सागर डैम में जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से नीचे है, जो कुछ राहत की बात है. लेकिन माधोपुर हैडवर्क्स के चार गेट टूटने के कारण रावी नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे गुरदासपुर और अमृतसर जिलों में बीएसएफ की अग्रिम चौकियां बाढ़ की चपेट में आ गई हैं.
सेना, NDRF और SDRF जुटे राहत-बचाव में
पठानकोट और गुरदासपुर में स्थिति सबसे अधिक गंभीर बनी हुई है. सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हुई हैं. हेलिकॉप्टर और ड्रोन की मदद से बाढ़ में फंसे लोगों को बचाया जा रहा है और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमृतसर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया.
जम्मू रेलमार्ग और हाईवे पर असर, सीमा के बांध में दरार
भारी बारिश से पठानकोट-जालंधर राष्ट्रीय मार्ग का चक्की पुल अब भी बंद है. वहीं, माधोपुर के पास रेलवे पुल को हुए नुकसान के चलते जम्मू रेलमार्ग पर ट्रेन सेवाएं बाधित हुई हैं.
फिरोजपुर जिले में भारत-पाक सीमा पर स्थित एक बांध टूट गया, जिससे सतलुज का पानी तेज़ी से पाकिस्तान के कसूर जिले में दाखिल हो गया. बताया जा रहा है कि बांध में पहले से दरारें थीं, जिन्हें भरने की कोशिशें चल रही थीं, लेकिन पानी के भारी दबाव के चलते वह गुरुवार शाम टूट गया.
उत्तर प्रदेश: गंगा-यमुना उफान पर, डेढ़ लाख से अधिक लोग प्रभावित
वाराणसी, प्रयागराज, बलिया और कानपुर समेत कई जिलों में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. 142 गांवों और 36 शहरी बस्तियों में पानी घुस चुका है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हो चुके हैं. गंगा का जलस्तर दशाश्वमेध घाट पर चेतावनी बिंदु पार कर गया है.
गंगा आरती अब घाट के बजाय गंगा सेवा निधि की छत पर हो रही है. वहीं, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर शवदाह की प्रक्रिया भी छतों पर की जा रही है क्योंकि सीढ़ियां जलमग्न हो चुकी हैं.
राजस्थान में बारिश का कहर जारी, जनजीवन प्रभावित
राजस्थान के उदयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, करौली, बांसवाड़ा सहित कई जिलों में गुरुवार को भी मूसलाधार बारिश जारी रही. सलूंबर में एक शिक्षक नदी में बह गया, जिसकी तलाश अब भी जारी है. भीलवाड़ा में दो लड़कियों के डूबने की खबर है, जिनमें से एक का शव बरामद किया जा चुका है.
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