LOC पर फायरिंग शुरू, पाकिस्तान-भारतीय सेना आमने-सामने; श्रीनगर जा रहे आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं.

    Firing started on LOC Pakistan Indian army Army Chief Upendra Dwivedi Srinagar
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं. देश में इस हमले को लेकर भारी गुस्सा और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं सीमा पर भी हलचल बढ़ गई है. नियंत्रण रेखा (LOC) पर पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों से की गई गोलीबारी के बाद भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. हालांकि इस झड़प में किसी के घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है.

    सेना प्रमुख करेंगे घाटी का दौरा, हालात का लेंगे जायजा

    भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारी अब हालात की गंभीरता को देखते हुए सीधे मैदान में उतर रहे हैं. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी जल्द ही श्रीनगर और उधमपुर का दौरा करेंगे. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, वे कश्मीर घाटी में तैनात वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे. दौरे का मुख्य उद्देश्य वर्तमान सुरक्षा हालात की समीक्षा और पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन की कोशिशों का आकलन करना होगा.

    पाकिस्तान के तीखे फैसले, शिमला समझौता और व्यापारिक संबंध निलंबित

    भारत की सख्त प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान ने भी कड़े कदम उठाए हैं. गुरुवार को पाकिस्तान ने शिमला समझौते समेत भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को अस्थायी रूप से स्थगित करने की घोषणा की. इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी तरह के व्यापार पर रोक लगा दी है और भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को भी बंद कर दिया है.

    साथ ही, पाकिस्तान ने एक बार फिर सिंधु जल संधि का मुद्दा उठाया और चेतावनी दी कि अगर भारत इस संधि के तहत निर्धारित जल प्रवाह को रोकने की कोशिश करता है, तो इसे युद्ध की कार्यवाही के रूप में देखा जाएगा.

    भारत की सख्त नीति, कूटनीतिक मोर्चे पर कड़ा जवाब

    भारत ने मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले के बाद न केवल कूटनीतिक स्तर पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, बल्कि 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को सीमित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

    इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है. यह आतंकी हमला न सिर्फ घाटी की सुरक्षा स्थिति को चुनौती देता है, बल्कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को एक निर्णायक मोड़ की ओर ले जाता है.

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